UPSC Success Story: अक्सर ज्यादातर लोग गरीबी को अपने सपनों की दीवार मानकर हिम्मत हार जाते हैं लेकिन बुलंदशहर में एक गरीब किसान जिसके सिर पर पक्की छत भी नहीं थी उसके बेटे ने UPSC परीक्षा क्लियर कर इतिहास रच दिया.
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बुलंदशहर: यदि आप चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए हैं, तो यह जान लीजिए कि आपकी मेहनत और पढ़ाई ही आपको ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है. इस बात को सच कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक किसान के होनहार बेटे पवन कुमार ने, जिन्होंने UPSC 2023 में 239वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया. यूपीएससी की सफलता की कहानियों में आज बात बुलंदशहर के पवन कुमार की.
बुलंदशहर के रघुनाथपुर गांव निवासी पवन का घर आज भी मिट्टी के फर्श और छत सीमेंट की चादर से बनी है. उनके पिता मुकेश कुमार, जो एक छोटे किसान हैं, चाहते थे कि बेटा कोई छोटी-मोटी नौकरी करके घर के लिए आर्थिक सहारा बने. लेकिन पवन के सपने कुछ और ही थे—उनका लक्ष्य था एक IAS अधिकारी बनना.
परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी
पवन की कहानी में सबसे खास बात यह है कि उन्होंने कभी अपनी परिस्थितियों को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया. गरीबी, संसाधनों की कमी और दबाव के बावजूद उन्होंने UPSC CSE की कड़ी तैयारी की और अपनी मेहनत से एक नया कीर्तिमान गढ़ दिया.
पवन के पिता बताते हैं कि बेटा शुरू से ही पढ़ाई के प्रति जुनूनी था. "मैं उसे पार्ट-टाइम नौकरी करने को कहता था, लेकिन वह हमेशा कहता था—मुझे सिर्फ पढ़ाई करनी है." उनके अनुसार पवन का न कोई और शौक था, न कोई न कोई एब—सिर्फ किताबें ही उसका संसार थीं.
आज पवन उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं जो गरीबी को अपने सपनों की दीवार मान लेते हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर लगन हो, तो मिट्टी के फर्श से भी उड़ान भरी जा सकती है.
पवन की सफलता न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे ग्रामीण भारत के लिए उम्मीद की नई किरण है.