बाल्टी जैसा चमचा और टैंक जैसी कड़ाही, महाकुंभ में चल रहा सबसे बड़ा भंडारा, आधी रात भी कोई भूखा नहीं जाता
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2619857

बाल्टी जैसा चमचा और टैंक जैसी कड़ाही, महाकुंभ में चल रहा सबसे बड़ा भंडारा, आधी रात भी कोई भूखा नहीं जाता

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में हर रोज आने वाले लाखों श्रद्धालु तो दान-पुण्य करते ही हैं लेकिन यहां एक दुनिया की सबसे बड़ी रसोई भी चल रही है जिसमें रोज लाखों लोगों के लिए खाना बनता है. और यह खाना श्रद्धालुओं में बिल्कुल मुफ्त बांटा जाता है. 

बाल्टी जैसा चमचा और टैंक जैसी कड़ाही, महाकुंभ में चल रहा सबसे बड़ा भंडारा, आधी रात भी कोई भूखा नहीं जाता

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में हर दिन लाखों लोग पुण्य स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, और इन श्रद्धालुओं के लिए ‘ओम नमः शिवाय’ भंडारा अद्भुत मिसाल बन गया है. यहां हर दिन तीन से साढ़े तीन लाख लोगों को मुफ्त भोजन कराया जा रहा है. यह भंडारा 24 घंटे चलता है, और रात में भी कोई भूखा नहीं लौटता.  

32 साल से सेवा का सिलसिला
1992 में लाल महेंद्र ने सेना में कुक की नौकरी छोड़कर भगवान शिव की भक्ति को अपना जीवन समर्पित कर दिया. उन्होंने ‘लाल महेंद्र शिव शक्ति सेवा समिति’ के नाम से ट्रस्ट बनाकर भंडारे की शुरुआत की। आज उन्हें श्रद्धा से ‘ओम नमः शिवाय बाबा’ कहा जाता है. कुंभ मेले में उनके सात कैंप लगाए गए हैं, जहां सेक्टर-1 त्रिवेणी मार्ग पर मुख्य भंडारा केंद्र है. 

एक बार में बनता है 25-30 हजार लोगों का खाना
भंडारे में खाना बनाने और परोसने की जिम्मेदारी करीब 2000 सेवादार संभालते हैं. यहां कड़ाह इतने बड़े हैं कि एक बार में डेढ़ क्विंटल चावल और 25-30 हजार लोगों की सब्जी तैयार हो जाती है. भोजन बनाने के लिए एंगल जैसी बाल्टी का इस्तेमाल चमचे के रूप में किया जाता है.

भोजन तैयार करने वाले सेवादारों में महिलाएं भी शामिल हैं. हर सेवादार निस्वार्थ भाव से सेवा करता है. वेतन नहीं लिया जाता; यह सेवा श्रद्धा और भक्ति से प्रेरित है.  

इतने बड़े भंडारे का कैसे होता इंतजाम
बाबा के भक्त अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देते हैं. कोई चावल दान करता है, तो कोई धनराशि. इसी से भंडारे की व्यवस्था चलती है. बाबा के चार प्रमुख आश्रम (प्रयागराज, लखनऊ, अयोध्या और कानपुर) भी इस सेवा में योगदान देते हैं.  

कुंभ में 80 करोड़ लोगों को भोजन का लक्ष्य
भंडारे में दिनभर प्रसाद रूपी भोजन वितरित होता है. सुबह रोटी-चावल और दाल-कढ़ी, जबकि रात में पूड़ी-सब्जी का आयोजन होता है. बाबा का लक्ष्य कुंभ के दौरान 18-20 करोड़ लोगों तक भोजन पहुंचाने का है.  

इस्कॉन की भी बड़ी भागीदारी
इस्कॉन ने भी महाकुंभ में अपनी सेवा दी है. यहां हर दिन 1 लाख से अधिक लोग भोजन कर रहे हैं. प्रमुख स्नान पर यह संख्या 3-4 लाख तक पहुंच जाती है.  

उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Mahakumbh Latest News और पाएं हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड !

ये भी देखें: सीएम योगी का रामदेव संग योगा, शाह का महाकुंभ स्नान, हेमा मालिनी और 'राम' को देखने उमड़ी भीड़

Trending news

;