Gorakhpur Latest News: गोरखपुर वालों के लिए अच्छी खबर है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को परमहंस श्री योगानंद जी की जन्मस्थली के निर्माण के लिए लगभग 28 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है.
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Gorakhpur Hindi News: योग और ध्यान के माध्यम से पूरी दुनिया को आत्मबोध की राह दिखाने वाले परमहंस श्री योगानंद जी की जन्मस्थली गोरखपुर में अब एक भव्य स्मृति स्थल का निर्माण होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को इस परियोजना का शिलान्यास और भूमिपूजन किए . इस परियोजना पर 2,768 लाख (करीब 28 करोड़ रुपये) की लागत आएगी.
परमहंस योगानंद: क्रिया योग के वैश्विक प्रचारक
5 जनवरी 1893 को गोरखपुर में जन्मे परमहंस योगानंद का वास्तविक नाम मुकुंद लाल घोष था. वे मूलतः बंगाल से थे, लेकिन उनका जन्मस्थल गोरखपुर का मुफ्तीपुर मोहल्ला है, जहां उनके पिता किराए पर रहते थे. योगानंद जी ने अपने गुरु श्री श्री युक्तेश्वर गिरि से योग की शिक्षा प्राप्त की और 1920 में अमेरिका जाकर ‘Self-Realization Fellowship’ की स्थापना की. उन्होंने क्रिया योग को पश्चिमी देशों में लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई.
चार मंजिला स्मारक में झलकेगा योगानंद का जीवन
सरकार द्वारा प्रस्तावित योग स्मृति भवन चार मंजिला होगा. इसमें योग साधना से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों के लिए स्थान निर्धारित होंगे.
भूतल पर: एक सुंदर उद्यान और परमहंस योगानंद जी की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
पहली मंजिल पर: एक डिजिटल संग्रहालय और पुस्तकालय होगा, जिसमें उनके जीवन की झलकियां, दुर्लभ वस्तुएं और चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे.
दूसरी मंजिल पर: योगानंद जी के जन्म स्थान को ध्यान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
अन्य सुविधाएं: ध्यान केंद्र, संग्रहालय, उद्यान, और आत्मचिंतन के लिए विशेष स्थान.
‘योगी कथामृत’ से मिली वैश्विक पहचान
योगानंद जी की आत्मकथा Autobiography of a Yogi (हिंदी में योगी कथामृत) आज भी विश्व की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली आध्यात्मिक पुस्तकों में शुमार है. इसमें उन्होंने अपनी साधना यात्रा, गुरुओं से मिली शिक्षा और आत्म-साक्षात्कार के अनुभवों को विस्तार से प्रस्तुत किया है.इस पुस्तक से प्रेरित लोगों में तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज स्टीव जॉब्स भी शामिल हैं.
सीएम योगी की पहल से मूर्तरूप ले रही परियोजना
यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2021 में घोषित की गई थी. इसके तहत पहली किस्त के रूप में 5 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.
गोरखपुर बनेगा अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र
इस स्मृति स्थल के निर्माण से गोरखपुर को एक नई पहचान मिलेगी. देश-विदेश से योगानंद के अनुयायी यहां पहुंचेंगे, जिससे यह स्थान योग पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है.
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