UP Politics: बीजेपी दलित वोट बैंक को साधने के लिए व्यापक रणनीति बना रही है. BJP प्रदेश में ‘ऑपरेशन दलित’ नामक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान की शुरुआत अंबेडकर जयंती से होगी.
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UP Politics: बीजेपी ने दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में लाने के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है. बीजेपी का ये अभियान 15 से 25 अप्रैल तक चलेगा. 15 से 25 अप्रैल के बीच प्रदेश के विभिन्न जिलों में बस्तियों और मोहल्लों में गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश स्तरीय कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी.
अंबेडकर जयंती से मुहिम की शुरुआत
भाजपा प्रदेश में ‘ऑपरेशन दलित’ नामक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान की शुरुआत अंबेडकर जयंती से होगी.
CM योगी होंगे मुख्य अतिथि
प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे. उनके साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर देशव्यापी कार्यक्रमों के जरिए पार्टी दलितों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. पार्टी ने अपने नेताओं को साफ संदेश दिया है कि वे डॉ. बीआर अंबेडकर, संविधान, आरक्षण और दलित मुद्दों पर संभलकर बोलें. बीजेपी चाहती है कि पार्टी की नीति के अनुसार ही अपनी बात रखें. कांग्रेस पर आंबेडकर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए, बीजेपी उनकी विरासत को अपना बनाने की कोशिश की जुगत में है.
दलित मुद्दों को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी
पार्टी सूत्रों की मानें तो आलाकमान ने अंबेडकर, संविधान, आरक्षण और दलित मुद्दों को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी की है. संगठन मंत्री बीएल संतोष ने देशभर के नेताओं को कड़ा मैसेज दिया गया है. पार्टी ने अनावश्यक बयानों से बचने और पार्टी लाइन के अनुसार ही अपनी बात रखने को कहा है.लोकसभा चुनावों में पार्टी नेताओं के बयानों से खामियाजा भुगत चुकी बीजेपी ने पार्टी नेताओं को सख्त लहजे में कहा है कि आंबेडकर, संविधान, आरक्षण और दलितों के मुद्दों पर विवादित बयान ना दें.
डॉ आंबेडकर की जयंती को लेकर बीजेपी का प्लान
बीजेपी ने इस बार आंबेडकर जयंती को लेकर देशभर में दलित आउटरीच का एक प्लान तैयार किया है. दरअसल बीजेपी का मानना है कि अब बाबा साहब दलितों और समाज के शोषित वर्ग के लिए एक मसीहा या आईकान नहीं, बल्कि देवता हैं, लिहाजा भाजपा अपने कार्यक्रमों में उनको वही सम्मान देती दिखाई देगी. 10 अप्रैल, 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को आंबेडकर जयंती और कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश स्तर पर वर्कशाप आयोजित किए गए. 13 अप्रैल आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर देशभर में अंबेडकर की प्रतिमाओं को बीजेपी के कार्यकर्ता साफ करेंगे और शाम को वहां दीपक जलाएंगे. 14 अप्रैल आंबेडकर जयती पर देशभर की दलित बस्तियों में बीजेपी कार्यकर्ता जाएंगे मिठाई बाटेंगे और संविधान की प्रस्तावना पढ़ेंगे. 15 से 25 अप्रैल तक बीजेपी जिला स्तर पर सम्मेलन करेगी, जिसमें कम से कम 200 दलित बुद्धिजीवियों को बुलाया जाएगा. हर जिले में बीजेपी के प्रतिनिधि दलित समाज के 5 प्रमुख लोगों से संपर्क करेंगे.बीजेपी जनता को ये बताएगी की कांग्रेस ने कैसे आंबेडकर का अपमान किया और बीजेपी ने उनको सम्मान दिया.
14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाएगी बीजेपी
वैसे तो बीजेपी हर साल आंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करती है पर इस बार बीजेपी का फोकस वो दलित वोटर हैं, जो अब तक बीजेपी से दूर हैं. बीजेपी इस बार 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती को बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी की है. बाबा साहब आंबेडकर की जयंती के मौके पर देशभर में भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान चलाया जाएगा, जो 15 दिन का होगा. बीजेपी के नेताओं की पार्टी मुख्यालय में इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग भी हुई, जिसे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने संबोधित किया.
क्यों पड़ी जरुरत
पर बीजेपी को इस बार इतने बड़े स्तर पर कार्यक्रम करने की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल इसके पीछे अनुसूचित जाति के 20-22 फीसदी से ज्यादा दलित वोटर हैं. बीजेपी को लगता है कि मोदी के नाम पर और दलित वर्ग में काम के आधार पर बीजेपी इस बर्ग में पैठ बनाने में सफल हुई थी, जो 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में दिखा भी था. पर 2024 के चुनाव में लल्लू सिंह, अनंत कुमार हेगड़े ज्योति मिर्धा जैसे बीजेपी नेताओं के संविधान बदलने वाले बयानों ने विपक्ष को हथियार दे दिया.
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