बंगाल में एक तरफ उत्सव है.. और दूसरी ओर मुर्शिदाबाद में उजड़े हुए घर भी हैं.. एक तरफ मिठाइयां बंट रही हैं तो दूसरी ओर लोग मलबे के बीच लोग अपना आशियाना खोज रहे हैं.. मुर्शिदाबाद और आसपास रहने वाले करीब ढाई लाख हिंदू कैसे त्योहार मनाएं.. 72 घंटों से जिन्हें ये तक नहीं पता कि उनके घर में क्या जला और क्या बचा है.. वो आखिर कैसे नववर्ष पर मिठाइयां बांटें.. साल के पहले दिन मुर्शिदाबाद के ये लोग न जाने कितने साल पीछे चले गए हैं..आज हम एकसाथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जश्न और हिंसा पीड़ित हिंदुओं के जख्मों का विश्लेषण करेंगे।