India pakistan ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर पर सहमति बन गई. इसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमला न करने की बात कही. सीजफायर के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने उल्लघंन किया. जिसके बाद भारत ने अच्छे से पाकिस्तान को धोया. अचानक हुए सीजफायर पर भारत के लोग हैरान हैं. अब इस मामले पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य तिलक देवाशेर का बड़ा बयान आया है. आप भी जानें पूरी खबर.
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India Pakistan News Updates: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर अब विराम लग गया है. भारत की कड़ी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का प्रस्ताव रखा गया. भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर को सहमति दे दी. इसके बाद अचानक हुए सीजफायर पर कई लोग हैरान हो गए. किसी को समझ नहीं आया कि आखिर भारत सरकार ने किस आधार पर यह फैसला कर लिया. अब इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य तिलक देवाशेर का बड़ा बयान आया है.
'शर्तें अभी तय होनी बाकी'
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा 'यह द्विपक्षीय समझौता था और शर्तें अभी तय होनी हैं, इसलिए 12 मई को DGMOs के बीच चर्चा होगी. राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन पीएम मोदी ने कहा कि हम एक परिपक्व देश हैं और हम इसे सुलझा लेंगे, हमें दोस्तों की जरूरत नहीं है... हमने पाकिस्तान पर इतना जोरदार हमला किया कि पाकिस्तान के एयरफील्ड क्षतिग्रस्त हो गए और इसलिए वह युद्धविराम के लिए बेताब था..."
#WATCH | Gurugram | On the agreement reached between Pakistan and India, former member of the National Security Advisory Board Tilak Devasher says, "...It was a bilateral understanding, and the conditions are yet to be fixed, and hence, there will be a discussion between DGMOs on… pic.twitter.com/kvbLco37qG
— ANI (@ANI) May 11, 2025
10 मई को क्यों हुआ सीजफायर?
ड्रोन अटैक, मिसाइल हमलों और फाइटर जेट्स द्वारा 4 दिनों तक दागे गए बमों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हो गई. लेकिन चौथे दिन ऐसा क्या हुआ कि मरते दम तक युद्ध लड़ने की गीदड़भभकी देने वाले पाकिस्तान ने पीछे हटने का फैसला ले लिया. सूत्रों की मानें तो भारत के सब्र का बांध टूटता देख पाकिस्तान खौफ में आ गया था. पाकिस्तान को डर था कि भारत अब कुछ ऐसा करने जा रहे है, जिससे वहां तबाही आ सकती है. ऐसे में पाकिस्तान ने झुकने में अपनी भलाई समझी और सीधा संयुक्त राष्ट्र की शरण में पहुंच गया. इसके बाद पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने भारत से सीधे हॉटलाइन पर बात की और फिर सीजफायर पर सहमति बनी.