NASA की एक रिसर्च ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि फिट रहने के लिए लंबा वक्त देना जरूरी है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक खास तरह की एक्सरसाइज रनिंग की तुलना में 70% ज्यादा असरदार हो सकती है.
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आज के बिजी लाइफ में हेल्थ और फिटनेस को वक्त देना किसी चुनौती से कम नहीं. जिम जाने का समय नहीं, बाहर रनिंग का मन नहीं और घर पर वर्कआउट का मूड नहीं बनता? ऐसे में अगर कोई आपसे कहे कि सिर्फ 10 मिनट की एक सिंपल एक्सरसाइज रनिंग से भी ज्यादा असरदार है, तो क्या आप मानेंगे?
NASA की एक रिसर्च ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि फिट रहने के लिए लंबा वक्त देना जरूरी है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि रीबाउंडिंग नाम की एक्सरसाइज (जो एक छोटे ट्रैम्पोलिन पर उछलकर की जाती है) रनिंग की तुलना में 70% ज्यादा असरदार हो सकती है.
क्या है रीबाउंडिंग?
रीबाउंडिंग एक प्रकार की एरोबिक एक्सरसाइज है, जो मिनी ट्रैम्पोलिन पर खड़े होकर उछल-उछलकर की जाती है. इसमें आप हेल्थ बाउंस, जंपिंग जैक, ट्विस्ट या डांस मूव्स जैसी हल्की-फुल्की एक्टिविटी को शामिल कर सकते हैं. यह न सिर्फ मजेदार है, बल्कि शरीर के हर हिस्से पर असर डालती है.
क्यों है यह ज्यादा असरदार?
NASA की स्टडी के मुताबिक, रीबाउंडिंग शरीर के हर हिस्से पर समान दबाव डालती है, जिससे जॉइंट्स पर कम प्रेशर पड़ता है. यह रनिंग की तुलना में 85% तक कम इम्पैक्ट स्ट्रेस पैदा करती है, जिससे इंजरी या जोड़ों के दर्द का खतरा कम हो जाता है.
रीबाउंडिंग के हेल्थ बेनिफिट्स
रीबाउंडिंग कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर बनाती है.
यह लिम्फैटिक सिस्टम को सक्रिय कर शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालती है.
कोर स्ट्रेंथ, बैलेंस और कोऑर्डिनेशन को भी बढ़ावा देती है.
ये एक्सरसाइज कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न करने में मदद करती है.
घर बैठे फिटनेस का फॉर्मूला
रीबाउंडिंग की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे आप घर में किसी भी कोने में कर सकते हैं. ट्रैम्पोलिन आसानी से फोल्ड हो जाता है और ज्यादा जगह भी नहीं घेरता. बारिश हो या धूप, इस वर्कआउट को करने के लिए आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.