Ancient king Dagger Viral: किंग टूटनखामेन की कब्र से एक खास तलवार मिली, जो धरती की नहीं बल्कि अंतरिक्ष से आई धातु से बनी थी. वैज्ञानिकों ने पुष्टि की कि यह लोहे का टुकड़ा किसी उल्कापिंड से आया था. मिस्रवासियों ने इसे स्वर्ग का उपहार माना और राजसी हथियार में बदल दिया.
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King Tutankhamun: प्राचीन मिस्र का इतिहास अपने रहस्यों, खजानों और अनोखी चीजों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. लेकिन जब किंग टूटनखामेन (Tutankhamun) की कब्र से एक अनोखी तलवार निकली, तो उसने इतिहासकारों और वैज्ञानिकों को भी चौंका गए. ये तलवार न तो आम धातु से बनी थी, न ही सोने या चांदी से... बल्कि यह तलवार अंतरिक्ष से आई धातु से बनी थी, यानी किसी उल्कापिंड (Meteorite) से.
कौन थे किंग टूटनखामेन?
किंग टूटनखामेन, जिन्हें आमतौर पर 'बॉय किंग' कहा जाता है, प्राचीन मिस्र के एक युवा राजा थे. उन्होंने मात्र 10 साल तक शासन किया और 19 साल की उम्र में रहस्यमयी हालात में उनकी मौत हो गई. 1922 में ब्रिटिश पुरातत्वविद हॉवर्ड कार्टर ने उनकी कब्र खोजी, जिसमें ढेरों बेशकीमती खजाने और राजसी वस्तुएं मिलीं.
Tutankhamun's meteoric Iron dagger (right) is simply fascinating.
A recent study which conducted a non-destructive two-dimensional chemical analysis suggests that the source meteorite of the blade is octahedrite, one of the most common structural classes of iron meteorites. pic.twitter.com/RAJSWZAopu(@archeology_art) July 9, 2023
क्या है ‘स्पेस डैगर’?
उनकी कब्र में जो खंजर मिला, उसे वैज्ञानिकों ने "स्पेस डैगर" नाम दिया है. पहले तो इसे सिर्फ एक सुंदर, सोने की म्यान वाली तलवार समझा गया था. लेकिन जब इसकी ब्लेड की जांच X-ray fluorescence spectrometry नाम की तकनीक से की गई, तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. इस चाकू में 11% निकेल और अच्छी मात्रा में कोबाल्ट मिला, जो पृथ्वी पर मिलने वाले लोहे में आमतौर पर नहीं होता. इस खास धातु की बनावट ने यह साबित किया कि यह लोहा धरती से नहीं, बल्कि आसमान से आया है.
कौन-सा उल्कापिंड था इसका स्रोत?
शोधकर्ताओं ने रेड सी के आसपास 2,000 किलोमीटर के क्षेत्र में मिले 20 उल्कापिंडों का खोज किया. इसमें से ‘खारगा’ (Kharga) नाम का एक उल्कापिंड निकला, जो साल 2000 में एलेक्ज़ेंड्रिया के पास मिला था, उसी धातु का मेल खाता है. इससे माना जा रहा है कि किंग टूट की तलवार इसी उल्कापिंड से बनाई गई थी.
मिस्रवासियों ने क्यों चुनी अंतरिक्ष की धातु?
प्राचीन मिस्र के लोग अंतरिक्ष से गिरी चीज़ों को "स्वर्ग का उपहार" मानते थे. ऐसे में अगर कोई धातु आसमान से गिरे, तो वे उसे पवित्र और शक्तिशाली समझते थे. इस तलवार से यह भी संकेत मिलता है कि मिस्रवासी शायद आयरन एज (लोहे के युग) की शुरुआत से 100 साल पहले ही लोहे पर काम कर रहे थे.