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ITR Filing 2025: ITR फाइल करते समय अक्‍सर हो जाती हैं ये 5 गलत‍ियां, एक से भी चूके तो पड़ जाएगी भारी

How To File ITR: कंपन‍ियों की तरफ से अपने कर्मचार‍ियों को जल्‍द फॉर्म-16 देने शुरू कर द‍िये जाएंगे. ऐसे में आपका इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) सही तरीके से फाइल करना जरूरी होता है. समय से आईटीआर फाइल करके आप पेनाल्‍टी, टैक्स नोटिस और रिफंड में देरी से बच सकते हैं. असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आप फाइनेंश‍ियल डॉक्‍यूमेंट जैसे सैलरी स्लिप, इंटरेस्‍ट सर्ट‍िफ‍िकेट और निवेश से जुड़े दस्‍तावेज इकट्ठा कर लें. आईटीआर दाखिल करना महज फॉर्म भरना नहीं होता. कई बार छोटी-छोटी गलतियां आपको महंगी पड़ सकती हैं. आइए जानते हैं उन गलत‍ियों के बारे में ज‍िनसे आपको बचना चाह‍िए.

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ज्यादातर लोगों के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है. इस तारीख को चूकने पर आपको 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. देर करने से कुछ टैक्स बेन‍िफ‍िट और नुकसान को आगे ले जाने का ऑप्‍शन भी खत्म हो सकता है. समय पर रिटर्न फाइल करें ताक‍ि क‍िसी तरह की परेशानी न हो.

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गलत आईटीआर फॉर्म चुनने से आपका रिटर्न कैंस‍िल हो सकता है या प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है. उदाहरण के लिए यद‍ि आप सैलरीड क्‍लास हैं और 50 लाख रुपये से कम कमाते हैं. आकपी क‍िसी तरह की शेयर बिक्री या विदेशी आमदनी नहीं है तो आपको आईटीआर-1 फॉर्म चुनना चाहिए. आपको बता दें इस बार नौकरी के साथ शेयर बाजार से पैसा कमाने वाले लोगों को भी आईटीआर-1 फॉर्म ही भरना होगा.

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आपको अपनी हर तरी की आमदनी चाहे छोटी हो या बड़ी, आईटीआर फॉर्म में घोष‍ित करनी चाह‍िए. इसमें सेव‍िंग अकाउंट और एफडी डिपॉजिट का ब्याज, क‍िराये की आमदनी, डिविडेंड, शेयर या म्यूचुअल फंड से कैप‍िटल गेन सभी कुछ शामिल है. पुराने या कम यूज क‍िये जाने वाले बैंक अकाउंट का ब्याज भी बताना जरूरी है. आमदनी छिपाने या भूलने से टैक्स विभाग से नोटिस आ सकती है और आपके ऊपर जुर्माना लगा सकता है.

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आईटीआर फाइल करने से पहले फॉर्म 26एएस (26AS) और एनुअल इंफारमेशन स्‍टेटमेंट (AIS) की जांच करें. ये फॉर्म आपके एम्‍पलाइयर या बैंक की तरफ से काटे गए टैक्स और सालभर के बड़े फाइनेंश‍िलय लेनदेन से जुड़ी जानकारी देता है. अगर इसमें और आपके रिटर्न में क‍िसी तरह का अंतर है तो पहले उसे ठीक करें. यह छोटा कदम गलतियों और रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी से बचा सकता है.

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आईटीआर फाइल करना आखिरी कदम नहीं है. आपको इसे वेरिफाई करना भी जरूरी होता है. अगर वेर‍िफ‍िकेशन नहीं हुआ तो आपका रिटर्न गलत माना जाएगा. सबसे आसान तरीका है आधार ओटीपी या नेट बैंकिंग से ऑनलाइन वेर‍िफ‍िकेशन का है. यह कुछ मिनट का काम है. अगर आप इसे समझ नहीं पाते तो किसी टैक्स एक्‍सपर्ट से मदद ले सकते हैं.

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