Kawad Yatra 2025 Niyam: कांवड़ यात्रा सावन शुरू होने के साथ 11 जुलाई से ही शुरू हो गई और अब 23 जुलाई को इसका समापन होने वाला है. आइए जानें कांवड़ यात्रा के क्या विशेष महत्व हैं.
साल 2025 में कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से हुई और अब 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि पर इसका समापन हो जाएगा. कई ऐसे भक्त हैं जो कांवड़ यात्रा पर जाना तो चाहते थे लेकिन चाहकर भी किन्हीं कारणों से यात्रा पर जा नहीं सकें. ऐसे में अगर ये भक्त कुछ विशेष उपाय करें तो घर पर ही कांवड़ यात्रा जितना पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
कांवड़ यात्रा का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं तो 23 जुलाई 2025 को सावन शिवरात्रि पर सुबह, प्रदोष काल या फिर रात्रि के चारों प्रहर में स्नान करें और फिर चारों प्रहर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. ध्यान रहे कि जल में गंगाजल या पवित्र नदी का जल मिलाएं.
सावन माह के शिवरात्रि पर घर में या शिव मंदिर में जलाभिषेक करने और इसी समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कांवड़ यात्रा जितना शुभफल प्राप्त होता है. शिवलिंग पर तांबे के लोटे या श्रृंगी से भी जल अर्पित किया जा सकता है.
कांवड़ यात्रा का लाभ पाना है तो सावन माह के शिवरात्रि के दिन व्रत का संकल्प करें. इससे भोलेनाथ का आशीर्वाद और कृपा बनी रहती है. जलाभिषेक के बाद बेलपत्र, भांग, के अलावा मदार पुष्प, चंदन, अक्षत व शहद आदि सामग्री शिवलिंग पर अर्पित करें. 24 घंटे का व्रत करें और रात के समय भजन कीर्तन करें.
सावन शिवरात्रि के दिन अगर जनसेवा करें. गरीबों में जरूरी चीजों का दान करें तो शिव जी आपसे प्रसन्न होंगे. ऐसे में उनकी सेवा शिव साधना करने के लिए पशु-पक्षियों को भी भोजन कराएं.
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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