गलत दिशा में रखा शीशा धीरे-धीरे आपकी प्रतिष्ठा, आत्मबल और तरक्की को प्रभावित कर सकता है। समय रहते इस दोष को पहचानें, और सरल वास्तु उपायों द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें। घर की बनावट, दिशा, रंग और स्थान निर्धारण के लिए वास्तु शास्त्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिक
Trending Photos
Vastu Tips For Bathroom: गलत दिशा में रखा शीशा धीरे-धीरे आपकी प्रतिष्ठा, आत्मबल और तरक्की को प्रभावित कर सकता है। समय रहते इस दोष को पहचानें, और सरल वास्तु उपायों द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
घर की बनावट, दिशा, रंग और स्थान निर्धारण के लिए वास्तु शास्त्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्राचीन भारतीय विज्ञान हमारे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए ऊर्जा के संतुलन को समझाता है। वास्तु के अनुसार, घर में रखी प्रत्येक वस्तु, उसका स्थान और दिशा हमारे भाग्य और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
आज हम बात कर रहे हैं दो ऐसी चीजों की, जो आमतौर पर हर घर में होती हैं – बाथरूम और शीशा (मिरर)। इन दोनों के बीच का असंतुलित संयोजन न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, बल्कि आपके करियर, प्रतिष्ठा और सामाजिक सम्मान को भी नुकसान पहुँचा सकता है।
वास्तु शास्त्र में बाथरूम और मिरर का महत्व
1. बाथरूम का महत्व और प्रभाव
वास्तु शास्त्र में बाथरूम को घर का नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है। यह स्थान शरीर की अशुद्धियों को बाहर निकालता है, इसलिए यहां अधिक समय बिताना या इसकी गलत दिशा में निर्माण से घर में ऊर्जा का असंतुलन हो सकता है। यदि बाथरूम की दिशा, स्थान या उसमें रखी वस्तुएं वास्तु के अनुसार नहीं हैं, तो ये बीमारियों, मानसिक तनाव, करियर में रुकावट, धन हानि और संबंधों में कटुता का कारण बन सकती हैं।
2. शीशे का महत्व और प्रभाव
दूसरी ओर, शीशा (मिरर) घर में प्रकाश और ऊर्जा को परावर्तित करता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और सकारात्मक ऊर्जा को फैलाने में मदद करता है, बशर्ते इसका स्थान और दिशा वास्तु अनुसार हो। गलत स्थान पर रखा गया मिरर न केवल ऊर्जा को बाधित करता है बल्कि घर के मुखिया की प्रतिष्ठा और निर्णयशक्ति को भी प्रभावित करता है।
शीशा और बाथरूम का खतरनाक कॉम्बिनेशन: कैसे होता है नुकसान
1. मिरर का बाथरूम में होना
बाथरूम में शीशे का प्रयोग आम है, लेकिन बहुत से लोग इसे बिना सोचे-समझे कहीं भी लगा देते हैं।
यदि मिरर बाथरूम में दरवाजे के सामने या सीधे WC (कमोड) के सामने लगा हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को दोगुना कर देता है।
इससे घर के सदस्यों में आत्मविश्वास की कमी, मानसिक उलझनें और नकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ जाता है।
2. मिरर का उत्तर दिशा में बाथरूम के साथ होना
उत्तर दिशा कुबेर की दिशा होती है, जो धन और प्रसिद्धि की प्रतीक मानी जाती है।
यदि उत्तर दिशा में बाथरूम हो और उसमें शीशा भी लगा हो, तो यह करियर में रुकावट, बदनामी और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
3. मिरर से ऊर्जा का टकराव
वास्तु के अनुसार, मिरर एक ऊर्जा को रिफ्लेक्ट करने वाला माध्यम है। बाथरूम में मौजूद मिरर अगर नकारात्मक ऊर्जा को रिफ्लेक्ट करता है तो वह पूरे घर में फैल जाती है। इसका असर घर के मुखिया की छवि, सामाजिक पहचान और निर्णयों पर पड़ सकता है।
इस दोष से हो सकते हैं ये नुकसान
करियर में लगातार असफलता और मेहनत का फल न मिलना
ऑफिस या कार्यस्थल पर बदनामी
पारिवारिक कलह और संतान से जुड़ी समस्याएं
मानसिक तनाव, चिंता और आत्मविश्वास में गिरावट
सामाजिक प्रतिष्ठा में हानि
वास्तु के अनुसार बाथरूम में शीशा लगाने के सही नियम
सही दिशा का चुनाव करें
बाथरूम में शीशा पूर्व या उत्तर दीवार पर लगाया जा सकता है, लेकिन वह WC के ठीक सामने न हो।
मिरर ऐसा होना चाहिए जिसमें पूरा चेहरा साफ दिखाई दे, लेकिन शरीर का केवल ऊपरी भाग ही दिखे।
शीशे का आकार और ऊँचाई
मिरर न तो बहुत बड़ा हो और न ही बहुत छोटा। यह संतुलित आकार में हो और इतनी ऊंचाई पर हो कि खड़े होने पर व्यक्ति का चेहरा साफ दिखे।
मिरर को साफ-सुथरा रखें
गंदा, टूटा या धुंधला मिरर वास्तु दोष पैदा करता है। इसे नियमित रूप से साफ करते रहें।
दोष निवारण के उपाय
अगर आपके घर के बाथरूम में मिरर वास्तु अनुसार नहीं लगा है, तो घबराएं नहीं। यहां कुछ सरल उपाय दिए गए हैं:
मिरर को नई दिशा में शिफ्ट करें – अगर मुमकिन हो तो उसे पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं।
पर्दा या स्टिकर लगाएं – बाथरूम के मिरर पर हल्का ट्रांसपेरेंट स्टिकर या छोटा पर्दा लगाएं ताकि वह WC को न दर्शाए।
सेंधा नमक का प्रयोग करें – बाथरूम के कोने में एक कांच के बाउल में सेंधा नमक रखें, यह नकारात्मक ऊर्जा को शोषित करता है।
एग्जॉस्ट फैन चालू रखें – हवा का प्रवाह बनाए रखने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है।
सुगंधित धूप या कपूर का प्रयोग करें – इससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहता है।
विज्ञान क्या कहता है?
आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि बाथरूम एक ऐसी जगह है जहाँ बैक्टीरिया और दुर्गंध का संचार होता है। यदि उस जगह मिरर गलत दिशा में लगा हो, तो यह दिमाग को भ्रमित कर सकता है और तनाव को बढ़ा सकता है। इसके अलावा:
शीशे से टकराने वाली रोशनी और ऊर्जा गलत ढंग से फैल सकती है।
संज्ञानात्मक क्षमता और मानसिक शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
घर की हर छोटी-बड़ी चीज़ वास्तु शास्त्र में मायने रखती है, और उनमें से मिरर और बाथरूम का संयोजन अत्यंत संवेदनशील माना गया है। अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में करियर, सम्मान और मानसिक शांति बनी रहे, तो घर के बाथरूम और उसमें लगे मिरर की स्थिति पर एक बार ध्यान अवश्य दें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)