धरती की चाल में बदलाव! जल्द आने वाला है 24 घंटे से छोटा दिन, वैज्ञानिक भी नहीं जानते असली कारण
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धरती की चाल में बदलाव! जल्द आने वाला है 24 घंटे से छोटा दिन, वैज्ञानिक भी नहीं जानते असली कारण

Shortest Day on Earth: हमारे जीवन का सबसे छोटा दिन जल्दी ही आने वाला है. धरती जल्द ही अपना सबसे तेज दिन घूमने वाली है, हालांकि इसके पीछ के कारण का अभी पता नहीं चला है. आइए जानते हैं कि कौन सा दिन होने वाला है सबसे छोटा.

 

धरती की चाल में बदलाव! जल्द आने वाला है 24 घंटे से छोटा दिन, वैज्ञानिक भी नहीं जानते असली कारण

Earth Shortest Day: टाइम एंड डेट नामक वेबसाइट के लिए लिखने वाले खगोल वैज्ञानिक ग्राहम जोन्स के अनुसार 9, 22 जुलाई या 5 अगस्त को पृथ्वी अपनी धुरी पर अब तक का सबसे तेज चक्कर पूरा कर सकती है, यहां तक ​​कि 2024 का रिकॉर्ड भी तोड़ सकती है. जब चंद्रमा भूमध्य रेखा के ऊपर या फिर नीचे अपनी कक्षा में बदलाव करता है तो पृथ्वी तेजी से घूमने लगती है.

24 घंटे से ज्यादा या कम
बता दें कि घूमने की गति में ये अंतर बहुत ही कम होता है. दिन की लंबाई को वैज्ञानिक(LOD)को मिलीसेकंड में मापने के लिए सटीक परमाणु घड़ी(Atomic Clock)का इस्तेमाल करते हैं जो 24 घंटे से कुछ ज्यादा या फिर कम भी हो सकती है. 2020 से लेकर अब तक सबसे कम LOD(Length of Day)दर्ज किया गया जब से 1973 में जबसे रिकॉर्ड शुरु हुए. 5 जुलाई 2024 को 1.66ms की गति दर्ज की गई थी जो वर्तमान रिकॉर्ड है.

क्या है कारण?
मॉस्को इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैथेमेटिक्स के पृथ्वी घूर्णन विशेषज्ञ लियोनिद जोटोव कहते हैं कि धरती एक दिन के सबसे तेज क्यों घूमती है इसके कारण का अभी तक पता नहीं चला है. हालांकि ज्यादातर वैज्ञानिकों का ये मानना है कि पृथ्वी के अंदर कुछ हलचल होने की वजह से भी ऐसा हो सकता है. 

चंद्रमा कर रहा है धीमा
इससे अलग, चंद्रमा दरअसल अरबों सालों से धरती के घूमने की रफ्तार को धीरे-धीरे कम करता आ रहा है. आज से लगभग 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी पर एक दिन महज 3-6 घंटे का ही होता था.चंद्रमा की वजह से लगने वाली ज्वारीय ताकतें(Tidal Force)धीमी गति के कारणों में से एक है. इसकी एक वजह यह भी है कि चंद्रमा धरती की घूमने वाली ऊर्जा का ज्यादातर हिस्सा सोख लेता है.

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