IND vs ENG: आते ही विकेट... 4 साल बाद और खूंखार होकर लौटा ये पेसर! 'रॉकेट की स्पीड' से गेंदबाजी कर मचाया तहलका
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IND vs ENG: आते ही विकेट... 4 साल बाद और खूंखार होकर लौटा ये पेसर! 'रॉकेट की स्पीड' से गेंदबाजी कर मचाया तहलका

चोट से जूझने के बाद कुछ क्रिकेटर्स ऐसी धमाकेदार वापसी करते हैं, जो यादगार बन जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ है इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के साथ, जिन्होंने चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते ही अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया.

IND vs ENG: आते ही विकेट... 4 साल बाद और खूंखार होकर लौटा ये पेसर! 'रॉकेट की स्पीड' से गेंदबाजी कर मचाया तहलका

चोट से जूझने के बाद कुछ क्रिकेटर्स ऐसी धमाकेदार वापसी करते हैं, जो यादगार बन जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ है इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के साथ, जिन्होंने चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते ही अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया. लॉर्ड्स टेस्ट में भारत के खिलाफ उनकी बॉलिंग यह दर्शा रही है कि चोटों से जूझने के बाद भी वह और ज्यादा खूंखार होकर लौटे हैं. 2021 के बाद पहली बार आर्चर इंग्लैंड के लिए कोई टेस्ट मैच खेल रहे हैं. दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की हार के बाद आर्चर को तीसरे टेस्ट (लॉर्ड्स) की प्लेइंग-11 में शामिल किया गया.

'रॉकेट की स्पीड' और घातक लाइन-लेंथ

आर्चर ने अपनी वापसी पर न केवल विकेट लिया, बल्कि जिस गति और सटीकता से उन्होंने गेंदबाजी की, उसने भारतीय बल्लेबाजों को लगातार मुश्किल में डाले रखा. उनकी 'रॉकेट की स्पीड' से आती गेंदें बल्लेबाजों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थीं. लंबे समय तक चोटिल रहने के बाद अक्सर गेंदबाज अपनी लय और गति खो देते हैं, लेकिन आर्चर ने दिखाया कि उनके लिए ब्रेक सिर्फ खुद को और बेहतर बनाने का मौका था. उनकी गेंदें तेज, सटीक और उछाल भरी थीं, जो टेस्ट क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज के लिए सबसे बड़े हथियार होते हैं.

आते ही विकेट लेकर मचाया तहलका

लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है. आर्चर का यह कमबैक मैच है. आर्चर ने आते ही न केवल प्रभाव डाला, बल्कि विकेट लेकर अपनी वापसी को यादगार बना दिया. मैच की अपनी तीसरी ही गेंद पर उन्होंने भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल का शिकार किया, जो दूसरी स्लिप में खड़े हैरी ब्रूक को कैच थमा बैठे. इस तरह चार साल बाद आर्चर ने टेस्ट क्रिकेट में वापसी की. हालांकि, इसके बाद  उन्हें स्टंप्स तक कोई और विकेट नहीं मिला, लेकिन उनकी घातक गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में जरूर डाला. उनके स्पैल में कई बार बल्लेबाजों को गेंद की गति और उछाल से जूझते देखा गया, जो उनकी फिटनेस और फॉर्म का प्रमाण था. 

चोटों का लंबा सफर और वापसी का जुनून

जोफ्रा आर्चर के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है. पीठ और कोहनी की गंभीर चोटों के कारण वह लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहे. 2019 विश्व कप और एशेज सीरीज में अपनी शानदार गेंदबाजी से सुर्खियां बटोरने के बाद, ऐसा लग रहा था कि उनका करियर चोटों की भेंट चढ़ जाएगा. लेकिन आर्चर ने हार नहीं मानी. उन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण और जुनून के साथ अपनी फिटनेस पर काम किया. यह वापसी सिर्फ उनकी शारीरिक मजबूती का नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी प्रमाण है.

इंग्लैंड के लिए बड़ी उम्मीद

आर्चर की यह वापसी इंग्लैंड टीम के लिए एक बड़ी उम्मीद है. उनकी मौजूदगी से गेंदबाजी आक्रमण को एक अलग धार मिलती है. उनकी गति, उछाल और स्विंग से किसी भी बल्लेबाज को परेशानी हो सकती है. आने वाले समय में अगर आर्चर अपनी फिटनेस बनाए रख पाते हैं, तो वह एक बार फिर दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में शुमार हो सकते हैं.

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