जब इस गुजराती ने Google के पैरों तले जमीन खिसकाई, हजार रुपये में खरीदा था डोमेन; जानिए फिर क्या हुआ
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जब इस गुजराती ने Google के पैरों तले जमीन खिसकाई, हजार रुपये में खरीदा था डोमेन; जानिए फिर क्या हुआ

गूगल के पूर्व कर्मचारी संमय वेद ने कुछ मिनटों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट Google.com को खरीद लिया था. ये कहानी किसी मज़ाक जैसी लगती है, लेकिन ये पूरी तरह सच है. वेद ने सिर्फ 12 डॉलर (लगभग ₹800) में Google.com डोमेन को Google Domains की वेबसाइट से खरीदा था.

 

जब इस गुजराती ने Google के पैरों तले जमीन खिसकाई, हजार रुपये में खरीदा था डोमेन; जानिए फिर क्या हुआ

2015 में एक अनोखी घटना घटी, जब गुजरात के मांडवी शहर के रहने वाले और गूगल के पूर्व कर्मचारी संमय वेद ने कुछ मिनटों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट Google.com को खरीद लिया था. ये कहानी किसी मज़ाक जैसी लगती है, लेकिन ये पूरी तरह सच है. वेद ने सिर्फ 12 डॉलर (लगभग ₹800) में Google.com डोमेन को Google Domains की वेबसाइट से खरीदा था.

यह सब तब हुआ जब वेद रात 1:20 बजे (ईस्टर्न टाइम) Google Domains प्लेटफॉर्म पर कुछ एक्सप्लोर कर रहे थे. उन्होंने जब सर्च बार में “google.com” डाला, तो यह दिखा कि डोमेन “available” है यानी खरीदा जा सकता है. आमतौर पर इतने बड़े डोमेन कभी भी बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होते, लेकिन यहां “Add to Cart” का ऑप्शन भी दिखा, जिससे वे चौंक गए.

जैसे ही उन्होंने डोमेन को कार्ट में डाला, एक हरा टिक का निशान आ गया, जो दिखाता है कि डोमेन कार्ट में जुड़ गया है. फिर वेद ने पेमेंट प्रोसेस पूरा किया और उनका क्रेडिट कार्ड भी चार्ज हो गया. यानी तकनीकी रूप से वे कुछ समय के लिए Google.com के मालिक बन गए.

इस घटना की जानकारी जैसे ही Google को लगी, कंपनी ने तुरन्त उस ट्रांजैक्शन को कैंसिल कर दिया और डोमेन वापस ले लिया. लेकिन गूगल ने संमय वेद की ईमानदारी और इस गड़बड़ी की जानकारी देने के लिए उन्हें $6,006.13 (लगभग ₹4.07 लाख) का इनाम दिया. खास बात यह रही कि जब संमय ने इस रकम को चैरिटी में देने का फैसला किया, तो Google ने उनकी तारीफ करते हुए इनाम की रकम को डबल कर दिया.

संमय वेद ने यह पूरी रकम एक फाउंडेशन को डोनेट की, जो 18 राज्यों में 404 फ्री स्कूल चलाती है और लगभग 39,200 गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देती है. यह कदम लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गया, जहां तकनीकी गलती को भुनाने की बजाय उन्होंने समाज के भले के लिए काम किया. गूगल ने भी इस घटना के बाद अपने सिक्योरिटी रिसर्च प्रोग्राम में दुनियाभर से भाग ले रहे रिसर्चर्स की सराहना की, जिनकी वजह से कंपनी अपनी सर्विस को और सुरक्षित बना पाती है.

संमय वेद ने इस अनुभव को लिंक्डइन पर शेयर करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने डोमेन खरीदा और उन्हें खुद यकीन नहीं हुआ कि ये संभव हो पाया. उनका यह अनुभव अब टेक वर्ल्ड में एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी के रूप में जाना जाता है.

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