Baba Vanga Prediction: अपनी भविष्यवाणियों की वजह से दुनिया भर में पहचानी जाने वाली बाबा वेंगा की नई भविष्यवाणी वायरल एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई हैं. उन्होंने 2076 को लेकर जो कहा है चलिए जानते हैं.
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Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा को उनकी चौंकाने वाली भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है, जिनमें से कई सच भी साबित हुई हैं, जैसे कि चेरनोबिल परमाणु दुर्घटना. बाबा वेंगा ने अपनी ज्यादातर जिंदगी बुल्गारिया में गुजारी और उन्हें 'बाल्कन की नोस्त्रेदमस' कहा जाता है. बाबा वेंगा के मुताबिक साल 2076 तक दुनिया में बड़ा राजनीतिक बदलाव होगा और साम्यवाद यानी कम्युनिज्म का असर पूरी दुनिया में बढ़ जाएगा.
बाबा वेंगा के मुताबिक इस समय में कई बड़े देश पूंजीवाद से दूर होंगे और आर्थिक समानता को बढ़ावा मिलेगा. निजी संपत्ति का महत्व कम होगा और वैश्विक सत्ता का संतुलन बदलेगा. नई राजनीतिक व्यवस्थाएं उभर सकती हैं. आज भले ही पूंजीवाद हावी हो, लेकिन आर्थिक असमानता, गरीबी और पूंजीवाद की खामियों की वजह से कुछ देश समाजवादी नीतियों की तरफ झुक रहे हैं.
चीन, क्यूबा और उत्तर कोरिया जैसे देशों में अभी भी साम्यवादी सरकारें हैं. यूरोप और लैटिन अमेरिका के कई देशों में वामपंथी विचारधारा (Leftist Ideology) का प्रभाव बढ़ रहा है. इसके अलावा इतिहास की तरफ देखें तो:-
1917 में रूसी क्रांति के दौरान व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में सोवियत संघ में साम्यवादी शासन स्थापित हुआ.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद चीन, क्यूबा और पूर्वी यूरोप समेत कई देशों में साम्यवाद फैला.
1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद साम्यवाद कमजोर पड़ा और कई देशों ने पूंजीवादी नीतियां अपना लीं.
अगर बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सच होती है, तो यह इतिहास का एक बड़ा चक्र पूरा होने जैसा होगा.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स और ऑटोमेशन की वजह से भविष्य में पूंजीवाद कमजोर हो सकता है. अगर अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ऑटोमेटड हो जाती है और मानव श्रम की जरूरत कम हो जाती है, तो सरकारों को नागरिकों की आर्थिक सुरक्षा के लिए समाजवादी नीतियां अपनानी पड़ सकती हैं.
भविष्यवाणियों की सटीकता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. बाबा वेंगा की कुछ भविष्यवाणियां, जैसे 9/11 हमले और 2004 की सुनामी, सच होने का दावा किया जाता है लेकिन कई अब भी अप्रमाणित हैं. क्या सच में 2076 तक पूरी दुनिया में साम्यवाद का राज होगा? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.