Mother Revenge Stories: एक मां के बदले की कहानी, कोर्ट में पिस्तौल निकाली और बेटी के रेपिस्ट को उतार दिया मौत के घाट
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Mother Revenge Stories: एक मां के बदले की कहानी, कोर्ट में पिस्तौल निकाली और बेटी के रेपिस्ट को उतार दिया मौत के घाट

Mother kills Daughter’s Killer: 5 मई 1980. एना की अपनी मां से बहस हुई. वह स्कूल नहीं जाना चाहती थी. उसे 35 साल के कसाई क्लॉस ग्राबोव्स्की ने अगवा कर लिया, जिसके घर वह उसकी बिल्लियों के साथ खेलने के लिए जाती थी. उसके कई घंटों तक एना को अपने घर में बंधक बनाकर रखा. उसके साथ रेप किया और फिर हत्या कर दी.

Mother Revenge Stories: एक मां के बदले की कहानी, कोर्ट में पिस्तौल निकाली और बेटी के रेपिस्ट को उतार दिया मौत के घाट

Marianne Bachmeier Story: मैरिएन बाचमेयर जर्मनी में पैदा हुई एक आम लड़की. शायद ही उसने कभी सोचा हो कि उसकी जिंदगी इतने टर्न लेगी कि सब कुछ एक झटके में बदलता चला जाएगा. 3 जून 1950 को उसका जन्म पश्चिमी जर्मनी के लोअर सेक्सोनी में हुआ. उसके माता-पिता दूसरे विश्व युद्ध के बाद ईस्ट प्रूशिया से भागकर आए थे. बाचमेयर का पालन-पोषण एक रूढ़िवादी घर में हुआ था, उनके माता-पिता बहुत धार्मिक थे. लेकिन उनको शराब पीने की लत थी. अकसर वह ज्यादातर वक्त घर के पास के बार में बिताते थे. इस वजह से घर का माहौल भी अशांत सा रहता था. 

शराब की लत के कारण उसके पिता का बर्ताव बहुत आक्रामक हो गया था. इस वजह से उसके माता-पिता का तलाक हो गया और मां ने दूसरी शादी कर ली. लेकिन मैरिएन के लिए मुसीबतें कम होने की जगह और बढ़ गईं. उसके सौतेले पिता हिटलर जैसे थे. मां ने उसे धक्के मारकर घर से निकाल दिया. 

साल 1966 में मैरिएन जब 16 साल की थी, तब वह गर्भवती हो गई और पहले बच्चे को जन्म दिया. नवजात को उसने गोद लेने के लिए छोड़ दिया. 18 साल की उम्र में वह अपने बॉयफ्रेंड से फिर प्रेग्नेंट हो गई. मैरिएन जब दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली थी, उससे कुछ ही वक्त पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था. जब दूसरा बच्चा पैदा हुआ तो उसे भी उसने गोद लेने के लिए दे दिया. 

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22 साल की उम्र में तीसरी बार बनी मां

साल 1972 का साल आया और वह जिस पब में काम करती थी, उसके मालिक को डेट करने लगी. 22 साल की उम्र में वह तीसरी बार मां बनी. 14 नवंबर 1972 को एना का जन्म हुआ, जिसे उसने अकेले बड़ा किया. लेकिन वह उतनी अच्छी मां साबित नहीं हुई. वह अकसर एना को बार में ले जाया करती थी. 

1984 में दो डॉक्युमेंट्री फिल्में नो टाइम फॉर टीयर्स: द बाचमेयर केस और एना मदर आईं थीं. इसमें मैरिएन को सिंगल मदर दिखाया गया था, जो दिन में सोती थी और रात में काम करती थी. वह अपनी 7 साल की बेटी को उसके हाल पर छोड़ दिया करती थी. मैरिएन अपनी खराब लाइफस्टाइल के बारे में जानती थी और वह एना को भी गोद देने के लिए तैयार थी. उसके दोस्तों का मानना था कि वह एना को एक बड़े बच्चे जैसा मानती थी और चाहती थी कि वह अपनी देखभाल खुद करे. एना अकसर बार में ही सो जाता करती थी, जब मैरिएन पार्टी में व्यस्त होती थी. बाचमेयर की एक दोस्त के मुताबिक, अन्ना एक जिंदगी से भरी हुई लड़की थी, जिसे कभी भी परिवार का सुख नहीं मिला. 

ग्राबोव्स्की ने किया किडनैप

फिर आई वो मनहूस घड़ी, जिसने सब कुछ बदल दिया. 5 मई 1980. एना की अपनी मां से बहस हुई. वह स्कूल नहीं जाना चाहती थी. उसे 35 साल के कसाई क्लॉस ग्राबोव्स्की ने अगवा कर लिया, जिसके घर वह उसकी बिल्लियों के साथ खेलने के लिए जाती थी. उसके कई घंटों तक एना को अपने घर में बंधक बनाकर रखा. उसके साथ रेप किया और फिर हत्या कर दी. सरकारी वकील के मुताबिक, उसने मासूम को एक डिब्बे में बंद किया और नहर किनारे छोड़ दिया. ग्राबोव्स्की की मंगेतर ने फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया.

ग्राबोव्स्की को दोषी ठहराया गया. उसे पहले भी दो लड़कियों के यौन शोषण के लिए सजा सुनाई जा चुकी थी. ग्राबोव्स्की की नीचता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने कहा था एना ने अपनी मां को अपने साथ हुए रेप के बारे में बताने की धमकी देकर उससे पैसे ऐंठने की कोशिश की थी. उसने कहा था कि जेल वापस जाने के डर से उसने अन्ना की हत्या कर दी.

अंदर से टूट गई मैरिएन

अपनी बेटी के रेप-हत्या की घटना से मैरिएन अंदर से टूट चुकी थी. लेकिन उसके मन में क्या चल रहा था, यह कोई नहीं जानता था. फिर आई 6 मार्च 1981 की तारीख. मुकदमे का तीसरा दिन. सुबह के 10 बज रहे थे. ल्यूबेक जिला अदालत के रूम नंबर 157 में सब लोग आ चुके थे. तभी मैरिएन आती है. उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे. अचानक उसने बेरेटा 70 पिस्तौल निकाली और ग्राबोव्स्की पर एक के बाद एक 7 गोलियां चला दीं. इनमें से 6 गोलियां ग्रेबोव्स्की के शरीर के भेद गईं. उसकी वहीं मौत हो गई. मैरिएन ने अपनी बंदूक नीचे की और बिना प्रतिरोध के खुद को पुलिस के हवाले कर दिया.

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कोर्ट में हुई घटना ने पूरी जर्मनी को हिलाकर रख दिया. मीडिया में इसे खूब कवरेज मिला. टीवी चैनल भागते हुए  ल्यूबेक आए और बाचमेयर की कहानी सुनाने लगे. वकील और बाकी फीस भरने के लिए बाचमेयर ने अपनी जिंदगी की कहानी 100,000 डॉयचे मार्क्स में स्टर्न नाम की मैग्जीन को बेच दिए. 

जब मैरिएन कस्टडी में थी, तब भी उसे लोगों की तरफ से भरपूर प्यार मिला. लोगों ने उसका समर्थन करने के लिए फूल, गिफ्ट्स और मैसेज भेजे. लेकिन जब स्टर्न मैग्जीन ने उसकी लाइफ स्टोरी पब्लिश की कि कैसे उसने अपने दो बच्चों को गोद देने की इजाजत दी तो जनता की राय बदल गई. इसका कारण था कि वह अब निर्दोष मां की इमेज में फिट नहीं बैठ रही थी.लेकिन बावजूद इसके कई लोगों ने उसके प्रति अपना प्यार बनाए रखा. 

6 साल की सुनाई गई सजा

शुरुआत में 2 नवंबर 1982 को मैरिएन पर कत्ल का मुकदमा चलाया गया. बाद में अभियोजन पक्ष ने हत्या का आरोप हटा दिया. 28 दिन तक कोर्ट की सुनवाई चली और उसे कोर्ट ने उसे हत्या और अवैध रूप से हथियार रखने का अपराध में दोषी ठहराया गया. उसे 6 साल की सजा सुनाई गई लेकिन तीन साल में ही उसे रिहा कर दिया गया.

साल 1985 में बाचमेयर ने एक स्कूल टीचर से शादी कर ली. वे तीन साल के बाद जर्मन कैंप के पास नाइजीरिया के लागूस में शिफ्ट हो गए. लेकिन 1990 में उनका तलाक हो गया. बाद में सिसली जाने के बाद बाचमेयर पलेमो के एक अस्पताल में काम करने लगीं. लेकिन किस्मत ने उनको एक और दर्द दे दिया. उनको पैनक्रियाटिक कैंसर हो गया और वे वापस जर्मनी आ गईं. 1994 यानी शूटिंग के 13 साल के बाद उन्होंने एक रेडियो स्टेशन को इंटरव्यू दिया और उसी साल उनकी ऑटोबॉयोग्राफी आई. 1995 में जब वह टीवी पर आईं तो उन्होंने बताया कि वह जानती थीं कि ग्राबोव्स्की को मारने के बाद उनको सजा होगी. लेकिन वह उसे एन्ना के बारे में झूठ फैलाने से रोकना चाहती थीं. 

बेसमेंट में की थी कत्ल की प्रैक्टिस

साल 2006 में एआरडी की डॉक्युमेंट्री में बाचमेयर की एक पुरानी दोस्त ने बताया था कि उसने बेसमेंट में ग्राबोव्स्की को मारने से पहले रिहर्सल की थी. हालांकि बाचमेयर ने ग्राबोव्स्की की हत्या के लिए कभी पछतावा नहीं जताया. 17 सितंबर 1996 को उनकी कैंसर से मौत हो गई और उनको अपनी बेटी एन्ना के बराबर में ही दफनाया गया. ये वो कहानी थी, जिसमें एक मां का दर्द था, उसकी तड़प थी, जिसे अपने साथ लेकर वह इस दुनिया से विदा हो गई. 

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