Noshir Gowadia jailed: पेशे से इंजीनिर नॉशिर गोवाडिया को चीन को टेक्नोलॉजी बेचने के अपराध में जेल भेजा गया था. वह भारतीय और अमेरिकी मूल का नागरिक था.
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Noshir Gowadia: अमेरिका ने बीते दिनों ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए अपने B2 स्पीरिट बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया था. इस विमान को स्टील्थ बॉम्बर्स भी कहा जाता है. बता दें कि इस विमान का भारत से कनेक्शन जुड़ा हुआ है. इस जहाज के प्रॉपल्शन सिस्टम को बनाने के लिए एक भारतीय अमेरिकी नागरिक भी शामिल था, जिसे बाद में 30 साल की जेल की सजा सुना दी गई थी.
नॉशिर गोवाडिया को सुनाई सज
बता दें कि नॉशिर गोवाडिया पेशे से एक इंजीनियर है. वह मुंबई में पैदा हुआ था. उसे चीन को क्लासीफाइड सैन्य जानकारी शेयर करने के आरोप में 32 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके जरिए चीन ने अपनी क्रूज मिसाइलों डिटेक्ट करने में असमर्थ बनाने के लिए एक क्रूज मिसाइल एग्जोस्ट सिस्टम तैयार किया था.
B2 स्पीरिट बमवर्षक विमान पर काम किया
अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो ( FBI) के मुताबिक 81 साल के गोवाडिया की पहली बार अक्टूबर साल 2005 में आपराधिक शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी की गई थी. उनपर नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी ऐसे व्यक्ति को देने का आरोप लगा था, इसका बिल्कुल भी हकदार नहीं था. ट्रायल के दौरान मिली जानकारी में पता चला कि गोवाडिया ने साल 1968-1986 के बीच B2 बॉम्बर्स के निर्माता के साथ लगभग 20 सालों तक काम किया. इस दौरान उन्होंने यूनिक प्रॉपल्शन सिस्टम और B2 के लो ऑब्जर्वेबल कैपेबिलिटीज के निर्माण में काम किया. उसने साल 1997 तक अमेरिकी सरकार के साथ क्लासीफाइड मामलों पर काम करना जारी रखा.
जेल ने सुनाई सजा
ट्रायल के दौरान दिखाए गए सबूतों से पता चला कि गोवाडिया ने जून साल 2003 से जुलाई साल 2005 के बीच 6 बार चीन का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने चीन में डिजाइन, टेस्ट सपोर्ट, तकनीकियों के टेस्ट डाटा विश्लेषण के तौर पर अपनी रक्षा सेवाएं दे सके. इसका मकसद चीन को स्टेल्थी नोजल डेवलेप करक क्रूज मिसाइल सिस्टम बनाने में मदद करना था. गिरफ्तारी के समय गोवाडिया को चीन की ओर से कम से कम 110,000 डॉलर का भुगतान किया गया था. साल 2010 में गोवाडिया दोषी ठहराया गया था और साल 2011 में उन्हें 32 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.