Jyoti Malhotra: दानिश को देश छोड़ने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है. अब ज्योति से इंटेलिजेंस एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही हैं कि उसने क्या-क्या सूचनाएं साझा कीं. किस-किस से मिली और पाकिस्तान में उसे किसने मदद दी.
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Danish Pakistan High Commission: हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उसे 17 मई को पकड़ा और कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया. ज्योति पर आरोप है कि वह पाकिस्तान के अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी भेज रही थी. एक वीडियो भी सामने आया जिसमें वो दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन की इफ्तार पार्टी में दिख रही है और पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से बात कर रही है. यही दानिश भारत सरकार की नजर में पहले से संदिग्ध था और जिसे 13 मई को 'परसोना नॉन ग्राटा' घोषित कर देश छोड़ने को कहा गया था.
पहले ये जानिए कि ज्योति कौन है?
असल में ज्योति मल्होत्रा हरियाणा के हिसार की रहने वाली है और सोशल मीडिया पर एक बड़ी फॉलोइंग रखती है. उसके यूट्यूब चैनल 'ट्रैवल विद जो' के 3.77 लाख सब्सक्राइबर्स हैं, इंस्टाग्राम पर 1.32 लाख और फेसबुक पर 3.21 लाख फॉलोअर्स हैं. ज्योति ने ‘देसी-इंडो-जो’ नाम से भी कंटेंट बनाया. पुलिस के मुताबिक उस पर BNS की धारा 152 और ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट की धाराओं 3, 4 और 5 के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि उसके मोबाइल और लैपटॉप से कई संदिग्ध डेटा मिले हैं. इससे लगता है कि वह पाक एजेंटों को संवेदनशील जानकारी दे रही थी.
कहां से शुरू हुआ पूरा मामला..
पूरे मामले की शुरुआत 2023 में हुई जब ज्योति पाकिस्तान की यात्रा पर गई थी. वीजा के लिए उसने दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन का रुख किया. यहीं पर उसकी मुलाकात दानिश उर्फ एहसान-उर-रहीम से हुई. वहीं से दोनों के बीच करीबी बढ़ी और दानिश की मदद से ज्योति पाकिस्तान पहुंची. वहां वह पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क से जुड़ गई. पुलिस का कहना है कि दूसरी यात्रा के दौरान वह अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज जैसे एजेंटों से भी मिली. ज्योति ने पूछताछ में माना कि वह इनसे वॉट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे ऐप्स के जरिए लगातार संपर्क में थी और फर्जी नामों से उन्हें सेव करती थी.
एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश कौन है..
एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में कर्मचारी था. भारतीय एजेंसियों को शक है कि वह ISI से जुड़ा हुआ था. उसी ने ज्योति को पाक एजेंटों से मिलवाया. यात्रा के दौरान ठहरने-खाने का इंतजाम कराया और सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने के लिए कहा. बताया जाता है कि दानिश के नेटवर्क में ज्योति समेत छह लोग शामिल थे. जिन्हें हरियाणा और पंजाब से पकड़ा गया है. ज्योति को पाकिस्तान में स्थानीय की तरह घूमते देखा गया. लाहौर, रावलपिंडी जैसे शहरों की गलियों से वह वीडियो बनाती रही. उसने पाक अधिकारियों के साथ बाली इंडोनेशिया तक की यात्रा की.
दानिश को देश छोड़ने का आदेश
भारत सरकार इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है. दानिश को देश छोड़ने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है. अब ज्योति से इंटेलिजेंस एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही हैं कि उसने क्या-क्या सूचनाएं साझा कीं. किस-किस से मिली और पाकिस्तान में उसे किसने मदद दी. माना जा रहा है कि इफ्तार पार्टी में ज्योति को मिली एंट्री और वहां मौजूद बड़े अधिकारियों से उसकी मुलाकात किसी सामान्य ट्रैवल व्लॉगर की हैसियत से नहीं बल्कि खास मकसद से करवाई गई थी. मामले की जांच जारी है.