Pakistan News: बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को जफर एक्सप्रेस ट्रेन को अगवा कर करीब 100 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया है. इतना ही नहीं, बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए (BLA) ने सभी लोगों को जान से मार देने की धमकी भी दी है. चलिए जानते हैं BLA का क्या है और इसका असल मकसद क्या है?
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History Of BLA: बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) पाकिस्तान की सरकार और सेना के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुकी है. यह संगठन बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने के लिए लगातार विद्रोही गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. पाकिस्तानी सेना देश के अंदर कई सालों से बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से चुनौतियां का सामना कर रही है. सरकार और पाक सेना को नाक में दम करने वाली BLA ने मंगलवार को जफर एक्सप्रेस ट्रेन को अगवा कर करीब 182 यात्रियों को बंधक बना लिया है. इतना ही नहीं, बीएलए (BLA) ने सभी लोगों को जान से मार देने की धमकी भी दी है. चलिए जानते हैं BLA का क्या है और इसका असल मकसद क्या है?
BLA का इतिहास क्या है?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) बलूच राष्ट्रवादी चरमपंथी संगठन है, जो मुख्य रूप से अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय है. यहीं से यह संगठन पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हमले करता रहता है. BLA का मुख्य मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है. BLA पाकिस्तान पर बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों (तेल, सोना, तांबा और अन्य खनिज) का शोषण करने और क्षेत्र में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाता है. बलूच आबादी पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान तक फैली हुई है.
BLA का मकसद क्या है?
BLA का लक्ष्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना है. संगठन का कहना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता है, लेकिन वहां के लोगों को कोई फायदा नहीं मिलता. साथ ही, बलूचों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. पाकिस्तान में बलूच कार्यकर्ताओं का अपहरण और हत्या की घटनाएं आम हैं. यही कारण है कि बलूचिस्तान में सेना के अत्याचारों के खिलाफ BLA पिछले कई दशकों से लड़ाई लड़ रहा है. BLA पहले यह छोटे-छोटे हमले करता था, लेकिन हाल के सालों में इसके हमलों की संख्या और तीव्रता बढ़ गई है. इसमें से ज्यादातर आत्मघाती हमलों को BLA की मजीद ब्रिगेड अंजाम देते हैं. खातौर पर इस संगठन ने सैनिकों, सरकारी इमारतों, विदेशी नागरिकों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले किए हैं.
संघर्ष की शुरुआत और पाकिस्तान में विलय (1947-1948)
बलूचिस्तान का संघर्ष ब्रिटिश भारत के विभाजन (1947) से शुरू हुआ. उस वक्त, यह इलाका कई रियासतों में बंटा हुआ था, जिनमें से कलात रियासत (Khanate of Kalat) को काफी स्वायत्तता प्राप्त थी. पाकिस्तान बनने के बाद, कलात के खान अहमद यार खान ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन पाकिस्तान ने इस पर अपना अधिकार जताया.
मार्च 1948 में, पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई और दबाव के कारण कलात को पाकिस्तान में मिला दिया गया. बलूच राष्ट्रवादियों ने इसे अपनी स्वायत्तता पर हमला माना और इसका विरोध किया. इस विलय के खिलाफ प्रिंस अब्दुल करीम (खान के भाई) ने विद्रोह किया, जिसे जल्द ही दबा दिया गया. हालांकि, इससे बलूच लोगों में पाकिस्तान सरकार के प्रति अविश्वास की भावना पैदा हो गई थी.
इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने खान ऑफ कलात को विदेशी शक्तियों से साजिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, जिससे बलूचों का गुस्सा और बढ़ गया और नवाब नौरोज़ खान ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ दिया, लेकिन 1959 तक इसे पाकिस्तानी सरकार के द्वारा कुचल दिया गया. नवाब नौरोज़ खान को गिरफ्तार कर लिया गया और वे जेल में ही मर गए. हालांकि, उनके बेटे और अन्य बलूच नेता छापामार युद्ध जारी रखते रहे. इस संघर्ष ने बलूच राष्ट्रवाद को और मजबूत किया, जो आज तक जारी है.
BLA को इन देशों ने घोषित किया आतंकी संगठन
BLA को पाकिस्तान, ईरान, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है. BLA की गतिविधियां केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह चीन के CPEC प्रोजेक्ट (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के खिलाफ भी हमले करता रहता है. वहीं, पाकिस्तान का आरोप है कि BLA को भारत, अफगानिस्तान और अन्य देशों से समर्थन मिलता है, हालांकि इस दावे का कोई ठोस सबूत नहीं है.
क्या पाकिस्तान BLA को रोक पाएगा?
पाकिस्तानी सेना एक तरफ तालिबान से लड़ रही है, तो दूसरी तरफ BLA जैसे गुटों से जूझ रही है. हालांकि, पाकिस्तान लगातार BLA के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है, लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह खत्म नहीं कर पाया है.
20 सैनिकों की हत्या की
अब BLA की मजीद ब्रिगेड ने ही सरकार को एक और बड़ी चुनौती पेश कर दी है. संगठन जफर एक्सप्रेस को अगवा कर लिया है, जिसमें 182 लोग सफर कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के 20 सैनिकों का भी कत्ल कर दिया है.