Shahbaz Sharif: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में कुछ छात्रों को संबोधित करते हुए परमाणु प्रोग्राम पर बड़ा बयान दिया है, जो उनके नेताओ और डिप्लोमेट के जरिए दिए गए बयान से बिल्कुल उलट है.
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Shahbaz Sharif on Nuclear Attack: पाकिस्तान के नेताओं को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उन्हें करना क्या है. कुछ नेता सीधे भारत को परमाणु बम की धमकियां दे रहे हैं, तो कुछ मुकर जाते हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा है कि उनका जो परमाणु कार्यक्रम है वो सिर्फ शांति कम मकसद और खुद की सुरक्षा के लिए है, नाकि हमले के लिए. उनका यह बयान ऐसे समय में आया, जब दोनों देशों के बीच रिश्ते में गहरा तनाव है.
शहबाज शरीफ ने शनिवार को कुछ छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,'पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है, किसी पर हमला करने के लिए नहीं.' हालांकि शहबाज शरीफ का यह बयान पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली के पुराने बयान से उलट है. जमाली ने मई में रूस के एक सरकारी चैनल को बताया था कि अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया या उसके पानी को रोकने की कोशिश की, तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों समेत 'पूरी ताकत' से जवाब देगा. खालिद जमाली ने कहा था,'अगर हमारे पानी को रोका गया, तो यह युद्ध का ऐलान होगा और हम पूरी ताकत से जवाब देंगे.'
जवाब में भारत ने साफ कह दिया था कि परमाणु हम परमाणु हमलों की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 13 मई को कहा था,'हम आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ सटीक और निर्णायक कार्रवाई करते रहेंगे, चाहे कोई धमकी क्यों न दे.' इसके अलावा भारत के आर्मी चीफ जनरल अनिल चौहान ने भी कहा था,'परमाणु हथियारों की मौजूदगी का मतलब यह नहीं कि कोई देश आतंकवाद को बढ़ावा दे और जवाब से बच जाए.' उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को दो परमाणु शक्तियों के बीच पारंपरिक सैन्य कार्रवाई का उदाहरण बताया.
बता दें कि पाकिस्तान और भारत के बीच 22 अप्रैल के बाद ही तनाव चरम पर है. क्योंकि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 टूरिस्ट्स को धर्म पूछकर बेरहमी से कत्ल कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों पर हमला बोला दिया. इस सैन्य कार्रवाई को भारत ने 'ऑपरेशन' सिंदूर नाम दिया था. इसके बाद भारत ने सिंधू जल संधि को खत्म कर दिया था और पाकिस्तान को पानी देने से इनकार कर दिया था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कई बार भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश लेकिन हर बार भारत ने उसके हमलों को नामा कर दिया. बाद में पाकिस्तान के कई अहम ठिकानों को भी तबाह किया. जिसमें कई एयरबेस भी शामिल हैं. नुकसान पर नुकसान होता देख, पाकिस्तानी DGMO ने भारतीय DGMO से बीत की और सीजफायर के लिए गुहार लगाई और भारत भी जंगबंदी के लिए राजी हो गया. जंगबंदी तो हो गई लेकिन अभी-भी पाकिस्तान की तरफ ऊल-जलूल बयानबाजी जारी है.
वैसे तो परमाणु हथियारों से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती लेकिन एक जानकारी के मुताबिक भारत के पास 172 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने यह जानकारी थी. हथियार भले ही लगभग बराबर हैं लेकिन दोनों देशों की नीतियों में जमीन आसमान का अंतर है.
भारत की नीति है कि वह 'पहले परमाणु हमला नहीं करेगा', जिसे No First Use भी कहा जाता है. जबकि पाकिस्तान के पास ऐसी कोई नीति नहीं है. ऐसे में कहा जाता है कि पाकिस्तान जरूरत पड़ने पर पहले भी परमाणु हमला कर सकता है. दोनों देशों का कंपेरिजन करें तो भारत की मिसाइलें ज्यादा दूर तक हमला कर सकती हैं. भारत की अग्नि-V मिसाइल की रेंज 5-8 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है. इसके पाकिस्तान की शाहीन-3, 2750KM तक हमला कर सकती है.