यूक्रेन से जंग के बीच पुतिन की घातक चाल, स्पेस में छोड़ दिया अपना 'छावा', वैज्ञानिकों का भी चकराया सिर
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यूक्रेन से जंग के बीच पुतिन की घातक चाल, स्पेस में छोड़ दिया अपना 'छावा', वैज्ञानिकों का भी चकराया सिर

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अमेरिका लगातार युद्ध को खत्म करने का पहल कर रहा है. इसी बीच रूस ने पृथ्वी की कक्षा में तीन रहस्यमयी वस्तुएं छोड़ी है जिसकी वजह संभावित सैन्य मिशन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.

यूक्रेन से जंग के बीच पुतिन की घातक चाल, स्पेस में छोड़ दिया अपना 'छावा', वैज्ञानिकों का भी चकराया सिर

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अमेरिका लगातार युद्ध को खत्म करने का पहल कर रहा है. इसी बीच रूसी वैज्ञानिकों ने जो किया उससे खलबली मच गई है. बता दें कि रूस ने पृथ्वी की कक्षा में तीन रहस्यमयी वस्तुएं छोड़ी है जिसकी वजह संभावित सैन्य मिशन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. आशंका है कि पुतिन पश्चिम के साथ स्टार वार्स हथियारों की दौड़ में अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने की योजना बना रहे हैं. ये वस्तुएं वैज्ञानिकों के लिए भी पहेली बनी हुई है.

कक्षा में लॉन्च किया उपग्रह
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार इस साल फरवरी में उत्तरी रूस के प्लेसेट्स्क कॉस्मोड्रोम से कोस्मोस 2581, 2582 और 2583 उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च किया गया है. ये उपग्रह 585 किमी की ऊंचाई पर एक नियर- पोलर ऑर्बिट में तैनात किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये अंतरिक्ष वस्तुओं के करीब जाकर गतिविधि कर रहे हैं. बीते 18 मार्च को कोस्मोस- 2583 से जुड़ा एक नया ऑब्जेक्ट अलग हुआ है. 

पहले भी हो चुका है ऐसा
स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, उपग्रह ट्रिपल का कक्षा में उड़ना असामान्य नहीं है, क्योंकि अमेरिका और चीन दोनों ने अंतरिक्ष में कई ट्रियो सेट छोड़े हैं. हालांकि अधिकारी कोस्मोस ट्रियो को लेकर संशय में हैं, खासकर पिछले साल अंतरिक्ष हथियारों की दौड़ की संभावना को लेकर डर के बाद जब यह सामने आया कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को संदेह है कि रूस अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का लक्ष्य बना रहा है. 

क्या बना रहा है योजना
यह स्पष्ट नहीं है कि मॉस्को किस तरह की हथियार प्रणाली तैनात करने की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिकी सरकार के सूत्रों से मिली शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, अंतरिक्ष-आधारित परमाणु बम का इस्तेमाल ज़मीन पर मौजूद लक्ष्यों पर हमला करने के बजाय कक्षा में मौजूद उपग्रहों पर हमला करने के लिए किया जाएगा.  बता दें कि यह वस्तु कक्षा में मौजूद किसी भी अन्य तकनीक को पूरी तरह तबाह कर सकता है जो इससे टकराती है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भी शामिल है, जब तक कि घातक टुकड़े अंततः पृथ्वी के वायुमंडल में जलकर नष्ट नहीं हो जाते. बता दें कि पिछले साल, रूस ने संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया था जिसमें सभी देशों से बाहरी अंतरिक्ष में खतरनाक परमाणु हथियारों की दौड़ को रोकने का आह्वान किया गया था, जिससे यह आशंका और बढ़ गई कि मॉस्को एक भयावह ब्रह्मांडीय वृद्धि के लिए कमर कस रहा है. 

पहले भी किया था परीक्षण
इससे पहले रूस ने 2022 में एक साहसिक परीक्षण किया, जिसमें दो कोस्मोस उपग्रहों ने एक अमेरिकी KH-11 जासूसी उपग्रह के नज़दीक से उड़ान भरी, जबकि तीसरे ने उच्च-वेग वाले गोले को दागने की अपनी क्षमता का परीक्षण किया. सैद्धांतिक रूप से, ऐसा हथियार परमाणु विस्फोट और परिणामी EMP से होने वाले संपार्श्विक नुकसान के जोखिम के बिना व्यक्तिगत उपग्रहों को नष्ट कर सकता है.

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