Impact of Israel Iran War on US: इजरायल-ईरान युद्ध के बीच अमेरिका में हजारों लोग ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वे ईरान पर अमेरिकी हमले के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. उन्हें एक खास चिंता खाए जा रही है.
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Why people protesting against Trump administration: ईरान पर अमेरिकी हमले के खिलाफ न्यूयॉर्क -वाशिंगटन-शिकागो जैसे शहरों में लोग सोमवार को सड़क पर उतर आए. ईरान से दूर रहो, ईरान में जंग बंद करो, नो वॉर ऑन ईरान का पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ नारे लगाए. युद्ध का विरोध करनेवाले संगठनों ने अमेरिका के सभी 50 राज्यों में 50-50 विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले का विरोध करने के लिए कुछ प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर पहुंच गए. यहां इन्होंने ईरान के झंडे लहराए और ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी की.
सोरोस और मुस्लिम ब्रदरहुड ने करवाए प्रदर्शन!
ट्रंप समर्थकों ने आरोप लगाया है कि इन प्रदर्शनों को मुस्लिम कट्टरपंथी फंड कर रहे हैं. ट्रंप की सहयोगी लॉरा लूमर ने एक पोस्ट में आरोप लगाया है कि व्हाइट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन जॉर्ज सोरोस और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े समूहों ने कराया है.
यहां हम आपको याद दिलाना चाहेंगे की जॉर्ज सोरोस वही अमेरिकी अरबपति हैं जिनपर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगता है. सोरोस ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर विवादित बयान दिया था. भारत के कानून का उल्लंघन करने पर जॉर्ज सोरोस की संस्थाओं जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन, ओपन सोरोस फाउंडेशन के खिलाफ एक्शन भी हुआ था.
लोगों को तेल के दाम बढ़ने का डर
यहां हम आपको ये भी बताना चाहते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों की तरह अमेरिका के आम लोग भी ईरान-इजरायल जंग के असर को लेकर चिंतित हैं. हमारे देश की तरह अमेरिका में भी तेल की कीमत बड़ा मुद्दा है. जनवरी के बाद अमेरिका में क्रूड ऑयल 80 डॉलर प्रति बैरल रहा है. ईरान पर अटैक के बाद तेल महंगा हुआ है.
लोगों को डर है कि जंग लंबी चली तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का डर भी लोगों को सता रहा है. युद्ध पर हुए खर्च से अमेरिकी सरकार का बजट घाटा बढ़ेगा. ऐसे में टैक्स बढ़ा तो आम अमेरिकी की जेब पर चपत लगेगी.
कट्टरपंथी कर सकते हैं आतंकी हमला
आम आमेरिकी नागरिक को डर है कि ईरान समर्थक कट्टरपंथी अमेरिका में आतंकी अटैक कर सकते हैं. वहीं राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थकों का कहना है कि ईरान के पास परमाणु बम होना बड़ा खतरा था. इस खतरे को खत्म करने के लिए ही ईरान पर हमला किया गया.