ज्योति मल्होत्रा केस से पहले एक डिप्लोमैट ने भी देश से गद्दारी की थी. नाम था माधुरी गुप्ता. पाकिस्तान में पोस्टिंग के दौरान ISI ने हनीट्रैप में फंसाया और वो दो साल तक देश की गोपनीय सूचनाएं लीक करती रही.
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भारत ने हाल ही में कई जासूसों को गिरफ्तार किया है. इन सभी पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. जिसमें यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भी शामिल है. ज्योति ने पाकिस्तानी उच्चायोग अधिकारी के साथ संपर्क रखा और देश की कई गोपनीय सूचनाएं लीक की. कुछ ऐसा ही सनसनीखेज खुलासा 2010 में भी हुआ था. यह मामला एक IFS अधिकारी का था. जो पाकिस्तान में बतौर डिप्लोमैट नियुक्त हुई थी. हम बात कर रहे हैं भारतीय डिप्लोमैट माधुरी गुप्ता की, जिसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और साल 2018 में दोषी करार दी गई थी.
कौन थी माधुरी गुप्ता?
माधुरी गुप्ता एक IFS अधिकारी थी. जिसे इस्लामाबाद की इंडियन एम्बेसी में प्रेस एंड इंफॉर्मेशन सेक्शन में सेकंड सेक्रेटरी की पोस्ट पर भेजा गया था. माधुरी काफी अनुभवी थी और भारत सरकार के लिए कई वर्षों तक काम कर चुकी थी. यही वजह थी कि उसे पाकिस्तान में बड़े पद पर भेजा गया.
हालांकि, माधुरी देश की गद्दार निकली. उसने 2008 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (Inter-Services Intelligence) को संवेदनशील जानकारी देना शुरू कर दिया था. जब यह खबर दिल्ली पहुंची तो पूरे महकमे में खलबली मच गई. भारत सरकार ने बिना देर किए उसकी गिरफ्तारी के लिए एक जाल बुना.
कैसे हुआ ISI से संपर्क?
माधुरी जब तक भारत रही, पूरी वफादारी के साथ काम करती रही. हालांकि पाकिस्तान पहुंचते ही उसका असली चेहरा सामने आया. माधुरी ISI के दो एजेंट मुबश्शर रजा राणा और जमशेद के संपर्क में आई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक महिला पत्रकार ने माधुरी को इन दोनों से मिलवाया था. जमशेद ने माधुरी के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप शुरू किया, और वह इस कदर इन्वॉल्व हो गई कि इस्लाम कबूल कर शादी करने तक को तैयार थी. ISI एजेंट्स ने उसकी फ्रस्ट्रेशन और अकेलेपन का फायदा उठाकर उसे अपने जाल में फंसा लिया था.
क्या-क्या जानकारी लीक की?
गिरफ्तारी के बाद लंबी जांच चली. जांच में मालूम कि माधुरी ने डिफेंस ऑफिसर्स MEA (Ministry of External Affairs) और HCI (High Commission of India) से जुड़ी पोस्टिंग्स, उनकी फैमिली डिटेल्स और जम्मू-कश्मीर में चल रहे हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से जुड़ी जानकारियां ISI तक पहुंचाई थी.
कोर्ट के मुताबिक, ‘माधुरी जानकारी जुटाने के लिए एक फर्जी शादी का बहाना बनाकर जम्मू-कश्मीर पहुंची थी’. जांच के दौरान उसके लैपटॉप और Blackberry फोन से ISI को भेजे गए कई ईमेल्स भी बरामद हुए थे.
माधुरी की गिरफ्तारी कैसे हुई?
जब विदेश मंत्रालय को शक हुआ कि माधुरी अपने दायरे से बाहर जाकर जानकारी इकट्ठा कर रही है, तो उसे SAARC बैठक की तैयारी के बहाने दिल्ली बुलाया गया. दिल्ली पहुंचते ही माधुरी को उसके वसंत विहार स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया.
जांच के दौरान उसके घर से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए. कोर्ट में ट्रायल के बाद उसे 2018 में तीन साल की सजा सुनाई गई. 2021 में 64 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई.