Pappu Yadav Love Story: बिहार के सीमांचल में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले 5 बार के पूर्व लोकसभा सांसद और जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया है. इसके बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
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नई दिल्लीः Pappu Yadav Love Story: बिहार के सीमांचल में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले 5 बार के पूर्व लोकसभा सांसद और जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया है. इसके बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
रॉबिन हुड वाली छवि के नेता हैं पप्पू यादव
बिहार की राजनीति में पप्पू यादव की छवि रॉबिन हुड वाली रही है. साल 1990 में उन्होंने मधेपुरा की सिंहेश्वरी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा और पहली बार बिहार की विधानसभा पहुंचे. इसके बाद पप्पू यादव का सियासी कढ़ बढ़ता चला गया. इस जीत के एक साल बाद ही उन्होंने पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
टेनिस खेलते वक्त देखी थी रंजीत कौर की तस्वीर
90 के दशक में पप्पू यादव के जीवन में दो घटनाएं एक-दूसरे के इर्द-गिर्द घटती हैं. एक उनके सियासी सफर का दिनों-दिनों नई बुलंदियों को हासिल करना और दूसरा पप्पू के जीवन में रंजीत कौर का आना. बात सन् 1991 की है. पप्पू यादव टेनिस खेल रहे थे. इसी दौरान उन्होंने रंजीत कौर की तस्वीर देखी और अपना दिल हार बैठे थे. पप्पू यादव को रंजीत कौर की तस्वीर किसी और ने नहीं, बल्कि खुद उनके भाई ने दिखाई थी. पप्पू यादव और रंजीत कौर के भाई के बीच अच्छी दोस्ती थी.
रंजीत कौर के भाई ने दिखाई थी फैमिली फोटो
रंजीत कौर के भाई ने पप्पू यादव को अपनी फैमिली तस्वीर दिखाई थी. उसी तस्वीर में पप्पू ने रंजीत को देखा था और अपना दिल हार बैठे थे. हालांकि, जल्द ही पप्पू यादव को अहसास हो गया कि उनकी प्रेम कहानी इतनी जल्द परवान चढ़ने वाली नहीं है, क्योंकि पप्पू जहां हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे. वहीं, रंजीत कौर सिख धर्म को मानने वाली थीं. लेकिन इसका परवाह किए बगैर वे रंजीत को मनाने में लगे रहे.
साल 1994 में पप्पू-रंजीत ने की लव मैरिज
दिनों दिन पप्पू की दीवानगी रंजीत के प्रति बढ़ने लगी और उन्होंने रंजीत को अपने दिल की बात बताने की कोशिश की. पहली नजर में तो रंजीत कौर ने पप्पू यादव के प्रपोजल को सिरे से नकार दिया. इसके बाद पप्पू यादव की हालत ऐसी हुई कि उन्होंने खुदकुशी करने की भी कोशिश की.
हालांकि, वे लगातार कोशिशों में लगे रहे और आखिरकार रंजीत कौर को हां कहना पड़ा. इसके बाद दोनों ने 1994 में शादी की. पप्पू यादव और रंजीत कौर दो बच्चों के माता-पिता हैं. उनके बेटे सार्थक रंजन की भी राजनीतिक पारी की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने भी अपने पिता के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है.
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