Who is Indian army chief: 30 जून, 2024 को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के थल सेनाध्यक्ष बन गए. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर गहरा अनुभव है.
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Upendra Dwivedi: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार दूसरे दिन शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, सशस्त्र बलों के प्रमुखों और अन्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान भारत के भारत के थलसेनाध्यक्ष (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) फ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी बैठक में मौजूद रहे. आइए जानते हैं इनके बारे में
30 जून, 2024 को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के थल सेनाध्यक्ष बन गए. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर गहरा अनुभव है.
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी कौन हैं?
1. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है.
2. उत्तरी सेना कमांडर के रूप में, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर संचालन के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन निरीक्षण प्रदान किया. उन्होंने जम्मू और कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों का भी निर्देशन किया.
3. इस अवधि के दौरान, उन्होंने जटिल सीमा मुद्दों को हल करने के लिए चीन के साथ चल रही वार्ता में सक्रिय रूप से भाग लिया.
4. उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी उपकरणों को शामिल करने की देखरेख करते हुए सबसे बड़ी भारतीय सेना कमान को आधुनिक बनाने और सुसज्जित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
5. अपनी लगभग 40 साल की प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने विभिन्न कमांड, स्टाफ, निर्देशात्मक और विदेशी कार्यभार संभाले हैं. उनकी कमांड नियुक्तियों में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स, 26 सेक्टर असम राइफल्स का नेतृत्व करना, महानिरीक्षक असम राइफल्स (पूर्व) के रूप में सेवा करना और 9 कोर की कमान संभालना शामिल है.
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी का जीवन
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था और वे सैनिक स्कूल, रीवा (मध्य प्रदेश) के छात्र रहे हैं. उन्हें 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन दिया गया था. बाद में उन्होंने यूनिट की कमान संभाली. वे नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र भी हैं. उन्हें कार्लिस्ले स्थित अमेरिकी आर्मी वॉर कॉलेज में 'विशिष्ट फेलो' का पुरस्कार मिला.
शिक्षा के मामले में द्विवेदी के पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एमफिल और सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सेना के उप प्रमुख के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले 2022 से 2024 तक इन्फैंट्री के महानिदेशक और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ जैसी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.
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