अमेरिका ने हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए मिडिल ईस्ट में अपने F-35 फाइटर जेट तैनान कर दिए हैं. इसी के साथ अमेरिका ने ईरान को भी चेतावनी दे दी है, दो हूतियों का सहयोगी रहा है.
नई दिल्ली: यमन के हूती विद्रोहियों का आतंक लाल सागर से लेकर अदन की खाड़ी तक में देखने को मिल जाता है, जहां ये व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाते हैं. इनसे निपटने के लिए अब अमेरिकी सेना ने मिडिल ईस्ट में अपने सबसे एडवांस फाइटर जेट में से एक F-35 तैनात कर दिया है. अमेरिका ने यह कदम हूती विद्रोहियों पर हमला जारी रखते हुए उठाया है.
जॉर्डन में तैनात हुए F-35 फाइटर जेट
डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने जॉर्डन में F-35 फाइटर जेट की एक एक्स्ट्रा विंग भेजी है. जॉर्डन, अमेरिकी का करीबी रहा है. हालांकि, वह सार्वजनिक तौर पर अमेरिकी सैन्य उपकरणों की मेजबानी को लेकर चुप ही रहता है. दूसरी ओर F-35A की बात करें तो यह पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है. इसे अमेरिकी वायु सेना का सबसे मजबूत विमान माना जाता है. इसमें छिपकी की स्टील्थ और एडवांस सेंसर लगाए गए हैं. इस जेट में हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियारों को ले जाने की भी क्षमता है.
बता दें कि इससे पहले गाजा संकट के दौरान बड़ी जंग को रोकने के लिए पेंटागन ने इन फाइटर जेट्स को मिडिल ईस्ट में भेजा था. उस समय जो बाइडेन की सरकार थी, जिन्होंने जहाजों को रोकने के लिए हूतियों पर हवाई हमले किए थे.
लाल सागर में तैनाती बढ़ाने का ऐलान
ट्रंप सरकार के दो सप्ताह से ज्यादा के वक्त से ही यमन में तेज हमलों के बाद हेगसेथ ने US सेंट्रल कमांड को और सैन्य संसाधन भेजे हैं. उन्होंने लाल सागर में हैरी एस. ट्रूमैन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती बढ़ाते हुए एक ऐलान भी किया है. उन्होंने अपनी घोषणा में बताया कि जल्द ही कार्ल विंसन कैरियर और उसका स्ट्राइक ग्रुप वहां पहुंच जाएगा.
डिएगो गार्सिया भेजा गया सपोर्ट
उधर, पेंटागन ने कई A-10 वॉरथॉग जेट और करीब छह B-2 स्टील्थ बॉम्बर भी नेवी सपोर्ट फैसिलिटी डिएगो गार्सिया भेज दिए हैं. बताया जा रहा है कि वायु सेना के B-2 बेड़े का लगभग आधा हिस्सा डिएगो गार्सिया में भेजा गया है. वायु सेना के कुल 20 B-2 स्पिरिट विमान ही हैं. वहीं, 2024 के आंकड़ों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से सिर्फ 55% विमान ही किसी भी मिशन के लिए तैयार थे. साथ ही, अमेरिका ने दक्षिण कोरिया से कई दुर्लभ हवाई रक्षा सिस्टम साउथ कोरिया से मिडिल ईस्ट तक भेजे हैं, जिनमें दो पैट्रियट बैटरी और एक टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) बैटरी शामिल हैं.
जरूरत पड़ने पर अमेरिका उठाएगा सख्त कदम
पेंटागन के प्रवक्ता शॉन पार्नेल ने बीते मंगलवार की शाम को बताया, 'डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने साफतौर पर कह दिया है कि अगर ईरान या उसके सहयोगी अमेरिकी लोगों या उनके हितों को खतरा पहुंचाते हैं तो अमेरिका अपनी रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने से बिल्कुल पीछे नहीं हटेगा.'
ईरान को साफ संदेश
इस तरह के बदलाव ईरान के लिए साफ संदेश हैं, जो क्षेत्र में अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन और हूतियों का समर्थक बना हुआ है. पिछले कुछ वक्त से राष्ट्रपति ट्रंप लगातार हूतियों को चेतावनी दे रहे हैं. बीते सोमवार को भी ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा था, 'हूतियों के सामने रास्ते बिल्कुल साफ है- या तो अमेरिकी जहाजों पर गोलीबारी बंद करो और हम तुम पर हमले रोक देंगे. वरना, अभी तो हमने शुरू ही किया है. असली दर्द अभी बाकी है. हूतियों और उनके ईरानी समर्थकों दोनों के लिए.'
पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हूती
गौरतलब है कि बीते दो सप्ताह ने अमेरिका ने यमन में फिर से हूती ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं. अब तक 100 से ज्यादा कमांड पोस्ट, लॉन्च साइट्स, हथियार भंडार और नेताओं को निशाना बनाया जा चुका है. इन सबके बावजूद हूती अब भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं.
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