Himachal News: धौला कुआं में कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने नशे के खिलाफ अलख जगाया. इस दौरान उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग द्वारा लगाई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया. राज्यपाल ने कृषि और बागवानी के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी को अपने का आवाहन किया.
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Paonta Sahib(ज्ञान प्रकाश): पांवटा साहिब के धौलाकुंआ में डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौनी के सौजन्य से किसान मेला और नशा उन्मूलन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. यहां उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में लड़कियां पैडलर बन गई हैं वहां नशे के खिलाफ किस स्तर पर काम करने की आवश्यकता है इसपर विचार करना होगा.
धौला कुआं में कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने नशे के खिलाफ अलख जगाया. इस दौरान उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग द्वारा लगाई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया. राज्यपाल ने कृषि और बागवानी के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी को अपने का आवाहन किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सिरमौर के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया.
अपने अविभाषण के दौरान राज्यपाल ने समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर खेद प्रकट किया. राज्यपाल ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता पर बल दिया। उन्होंने कहा की नशा रोकने के लिए पंचायत स्तर महिलाओं को सिपाही कि तरह खड़ा रहना होगा. उन्होने कहा कि हर व्यक्ति को व्रत लेना होगा और शपत लेनी पड़ेगी की हम अपने परिवारों में नशे को नहीं घुसने देंगे. शिव प्रताप शुक्ल ने आवाहन किया कि पंचायत के लोग सैनिक बनकर खड़े हो जाएं ताकि उनके गांव में नशा नहीं आए.
उन्होंने कहा कि नशे की डिमांड को तोड़ना होगा डिमांड रुकेगी तो तस्करी रुकेगी। कार्यक्रम में मौजूद नौनी विश्वविद्यालय के कुलपति को सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय में नशा नहीं करने का शपथ पत्र विद्यार्थियों को देना होगा. पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य प्रकार शिव प्रकाश शुक्ला ने कहा कि नशा उन्मूलन के क्षेत्र में सरकार को तथा समाज के हर व्यक्ति को मिलकर काम करना होगा तभी इस वैश्विक बुराई से नौजवानों को बचाया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस संबंध में जल्द ही सख्त कानून लाने जा रही है. राज्यपाल ने सुझाव दिया कि प्रदेश में अधिक से अधिक डीएडिक्शन केंद्र खोलने की जरूरत है. साथ ही प्राइवेट डिएडिक्शन सेंटरों पर नजर रखने की जरूरत है. क्योंकि ऐसे नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने की जगह नशा करवाया जाता है.