हिमाचल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपी एसडीएमए) के अनुसार, पिछले नौ दिनों में मूसलाधार मानसूनी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में व्यापक तबाही मचाई है और कुल 46 लोगों की जान चली गई है, जिनमें 15 मौतें बारिश से संबंधित और 31 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुईं.
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Mandi News: हिमाचल प्रदेश में बीते 9 दिनों से जारी मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HP SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 46 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें 15 मौतें वर्षा जनित घटनाओं और 31 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं.
इन घटनाओं में 27 लोग अभी भी लापता हैं और 5 लोग घायल हुए हैं. सबसे अधिक नुकसान मंडी जिला में हुआ है, जहां सभी 15 वर्षा जनित मौतें और अधिकतर लापता मामले सामने आए हैं.
मंडी का थुनाग बना आपदा का केंद्र
HP SDMA की 10 जुलाई को जारी रिपोर्ट के अनुसार, थुनाग उपमंडल इस आपदा का एपिसेंटर बना हुआ है.
-959 मकान क्षतिग्रस्त
-395 गौशालाएं, 190 दुकानें और 559 मवेशी तबाह
-30 वाहन, 6 पुल क्षतिग्रस्त
-92 बागवानी छात्र और 2 गर्भवती महिलाओं को वायुसेना और NDRF की मदद से बचाया गया
अन्य प्रभावित क्षेत्र और राहत कार्य
मंडी जिले के पखरैर, देजी, लाम्बाथाच, स्यांज, कुट्टी नाला और पांडव शीला जैसे गांवों में कई स्थानों पर भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ की घटनाएं हुई हैं.
इन क्षेत्रों में NDRF, SDRF, सेना और ITBP की टीमें तैनात हैं.
कई मामलों में पूरे परिवार बाढ़ में बह गए या बेघर हो गए हैं.
राहत और बचाव कार्य
-मंडी में 290 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
-पंडोह बाजार से 100 से 150 लोगों को ब्यास नदी के जलस्तर के कारण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
-17 राहत शिविरों में 677 लोग ठहरे हुए हैं
-अब तक 2,657 राशन किट, 3,603 तिरपालें, दवाइयां व अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गई है
-रु. 37.20 लाख की तात्कालिक राहत राशि थुनाग, झंझैली, गोहर, करसोग, धर्मपुर सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में वितरित की गई
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
-कुल 1,198 मकान, 731 गौशालाएं, 203 दुकानें क्षतिग्रस्त
-780 मवेशियों की मौत, 31 वाहन, 14 पुल और 1 जलविद्युत परियोजना को नुकसान
सरकार की अपील और चेतावनी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनता से सावधानी बरतने, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा न करने, और राहत व बचाव कार्यों में सहयोग करने की अपील की है.
2,000 से अधिक कर्मचारी, दर्जनों JCB मशीनें, ड्रोन सर्वे टीमें राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में जुटी हैं.
बारिश अभी भी कई क्षेत्रों में जारी है और हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं. प्रशासन द्वारा नदी किनारे और निचले इलाकों में अलर्ट और निकासी की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.