MP: Vidisha Mob Lynching पर सख्त हुई जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दे डाली चेतावनी
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MP: Vidisha Mob Lynching पर सख्त हुई जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दे डाली चेतावनी

Vidisha Mob Lynching: विदिशा जिले में गौरक्षकों ने गौ परिवहन के शक में जुनैद मॉब लिंचिंग कर दी. इस मामले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद, मध्य प्रदेश के नायब सदर गाजी वली अहमद चिश्ती ने मज़बूत और तीखी प्रतिक्रिया दी है.

MP: Vidisha Mob Lynching पर सख्त हुई जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दे डाली चेतावनी

Vidisha Mob Lynching: देशभर में गौरक्षकों का कहर जारी है. हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश तक इन लोगों का आतंक जारी है. कभी ये गौ तस्करी के नाम पर मुसलमानों की हत्या कर देते हैं तो कभी गौमांस के शक में. इसी बीच मध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर आई, जहां विदिशा जिले में गौरक्षकों ने गौ परिवहन के शक में जुनैद मॉब लिंचिंग कर दी. अरमान के साथ भी Mob Lynching की कोशिश की गई. इस मामले को लेकर मुस्लिम संगठनों में काफी आक्रोश है. वहीं, इस घटना को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गंभीर नाराज़गी और आक्रोश जाहिर किया है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद, मध्य प्रदेश के नायब सदर गाजी वली अहमद चिश्ती ने मज़बूत और तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "यह कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं, बल्कि एक सुनियोजित मॉब लिंचिंग है. फिर भी प्रशासन सिर्फ़ तीन लोगों को मामूली धाराओं में गिरफ्तार कर खानापूर्ति कर रहा है. क्या यही न्याय है?"

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ये है मांग
इसके साथ ही जमीयत ने प्रशासन से चार प्रमुख मांगें की हैं. पहली मांग यह है कि सभी दोषियों की फौरन गिरफ्तारी हो. दूसरी मामले को हत्या और साजिश की धाराओं में दर्ज किया जाए और अरमान के अरमान के इलाज और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था हो. इसके अलावा प्रदेश में बढ़ती नफ़रत की घटनाओं पर सख्ती से नियंत्रण हो. 

जमीयत ने प्रशासन को दी चेतावनी
साथ ही गाजी वली अहमद चिश्ती ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर इस बार भी प्रशासन चुप रहा, तो ये चुप्पी आने वाले समय में कई और जुनैदों को निगल जाएगी. हमें बेहूदगी और बगावत के लिए मजबूर न किया जाए." यह घटना ना केवल सामाजिक तानेबाने को झकझोर रही है, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 5 जून 2025 को जुनैद खान और अरमान एक लोडिंग गाड़ी से निकले थे. मध्य प्रदेश के विदिशा-कोड़ी रोड पर लगभग 15–20 लोगों की भीड़ ने उन्हें रोक लिया. नाम और मजहब पूछने के बाद दोनों युवकों को गौ रक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग की गई. इल्जाम है कि हमला करने वाले उन्हें एक और जगह ले गए, जहां दोबारा मारपीट की गई. इलाज के दौरान जुनैद की 17 जून को मौत हो गई, जबकि अरमान अब भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है.

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