पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड के हमले से बलूचिस्तान में दहशत, मकान तबाह और लोग घायल
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पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड के हमले से बलूचिस्तान में दहशत, मकान तबाह और लोग घायल

Balochistan News: बलूच यकजती कमेटी (बीवाईसी) ने भी हमले को नागरिक घरों पर लक्षित व्यापक सैन्य कार्रवाई का हिस्सा बताते हुए इसे सामूहिक सज़ा करार दिया. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड के हमले से बलूचिस्तान में दहशत, मकान तबाह और लोग घायल

Balochistan News: बलूचिस्तान के तुरबत के आपसर इलाके में पाकिस्तान सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड द्वारा एक नागरिक के घर पर किए गए भीषण ग्रेनेड हमले की मंगलवार को कई बलूच मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी निंदा की. सोमवार रात हुए इस धमाके में दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं और मकान को भारी नुकसान पहुंचा.

बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के मानवाधिकार विभाग 'पांक' ने बयान जारी कर कहा, “यह कोई अलग-थलग घटना नहीं है, बल्कि आतंक फैलाने, आवाज़ों को दबाने और अधिकारों की मांग करने वाले पूरे समुदाय को सज़ा देने की एक संगठित नीति का हिस्सा है. नागरिकों के खिलाफ अंधाधुंध हिंसा अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध अपराध है.”

बलूच यकजती कमेटी (बीवाईसी) ने भी हमले को नागरिक घरों पर लक्षित व्यापक सैन्य कार्रवाई का हिस्सा बताते हुए इसे सामूहिक सज़ा करार दिया. इसी बीच, बलूच वॉयस फॉर जस्टिस (बीवेजे) ने इस हमले को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल दखल की मांग की, ताकि ऐसे गैरकानूनी कृत्यों को रोका जा सके और दोषियों को सज़ा मिल सके.

बीवाईसी ने एक और घटना का खुलासा करते हुए कहा कि सोमवार शाम टंप ज़िले में पाकिस्तानी अर्धसैनिक बल (फेडरल कॉन्स्टेबुलरी – एफसी) द्वारा दागा गया एक मोर्टार शेल रिहायशी इलाके में गिरा, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन बच्चे घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया गया कि सभी छात्र मदरसे से लौट रहे थे, तभी धमाका हुआ। 12 वर्षीय मोहम्मद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर बीवीजे ने कहा कि बलूचिस्तान के युवा इस समय अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की नीतियों और कार्रवाइयों के कारण उनकी सुरक्षा और भविष्य गंभीर खतरे में है. बीवीजे ने कहा, “हजारों युवा जबरन लापता, गैर-न्यायिक हत्याओं और व्यवस्थित हिंसा का शिकार हुए हैं. कई लोग आत्म-निर्वासन के लिए मजबूर हैं. अपने ही घर में भी वे सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि लगातार हो रहा दमन उनके विश्वास, अवसरों और गरिमा को छीन रहा है.”

गौरतलब है कि बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मानवाधिकार संगठनों ने समय-समय पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी बल प्रांत में बलपूर्वक छापेमारी, नेताओं और नागरिकों की गिरफ्तारी, जबरन गुमशुदगी, 'किल एंड डंप' नीति, पब्लिक ऑर्डर ऑर्डिनेंस के तहत हिरासत और फर्जी मुकदमों का सहारा लेते हैं.

इनपुट-आईएएनएस

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