Gaza Ceasefire: अतंरराष्ट्रीय दबाव के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में सीजफायर को लेकर संकर दिए हैं. वहीं, हमास की एक प्रतिनिधि मंडल भी सीजफायर के लिए मिस्र पहुंच चुकी है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Gaza Ceasefire: एक तरफ इजरायल ने गाजा पर पूर्ण कब्जा करने की योजना का ऐलान कर दिया है, दूसरी तरफ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सीजफायर के संकेत दे रहे हैं. पिछले महीने कई दौर की वार्ता के बाद भी सीजफायर नहीं हो पाया था. वहीं, हमास का एक प्रतिनिधि मंडल सीजफायर समझौते के लिए मिस्र की राजधीनी काहिरा पहुंच गया है.
दरअसल, गाजा पर कब्जा करने की योजना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल की निंदा हुई. इसी कड़ी में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की तरफ से गुजिश्ता मंगलवार को गाजा में सीजफायर को लेकर संकेत दिए गए. हालांकि इस सीजफायर को लेकर इजरायल की शर्त है कि हमास के जरिए इजरायली बंधकों के चरणों में नहीं बल्कि एक साथ रिहा किया जाए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र और कतर के अधिकारी इस समझौते के लिए नए स्तर से एक मसौदा तैयार कर रहे हैं, जिसमें इजरायली बंधकों को रिहा करने और गाजा से इजरायली सेना की वापसी जैसे मुद्दे शामिल होंगे.
गौरतलब है कि हमास की तरफ से सीजफायर समझौते के लिए लंबे वक्त से मांग की जा रही है. हमास की तरफ से शर्त रखी जाती है कि गाजा में परमानेंट सीजफायर लागू हो. वहीं, इजरायल की तरफ से ऐसी शर्त नहीं रखी जाती है. इजरायल की शर्त है कि हमास अपने हथियार को त्याग दें और आत्मसमर्पण कर दें. लेकिन हमास ऐसा करने को तैयार नहीं है.
हमास की गिरफ्त में जितने भी इजरायली बंधक हैं, उनके परिवार वाले PM नेतन्याहू के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं. बंधकों के परिवार वाले नेतन्याहू से तुरंत सीजफायर करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही बंधकों का आरोप है कि नेतन्याहू जान बूझकर सीजफायर समझौता नहीं करना चाहते हैं, जिससे इजरायली बंधकों की जान पर खतरा बढ़ेगी.
गाजा में इजरायली हमले से लगभग 60 हजार गाजावासियों की मौत हो गई है, इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं. यूरोप समेत दुनिया भर के आवाम में इजरायल की क्रूर नीति के खिलाफ आक्रोश है. हाल ही में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस समेत यूरोप के कई देशों ने यह ऐलान किया है कि वह फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देंगे.