Hamas: जो मांग इजराइल काफी वक्त से करता आ रहा है और जिसकी वजह से ये परमानेंट सीजफायर अभी तक नहीं हुआ है, उसी मांग को अब मुस्लिम देशों ने किया है. ये मांग हमास के हथियार छोड़ने की है और इसे फिलिस्तीन अथॉरिटी को सौंपने की है.
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Hamas: कई अरब और मुस्लिम देशों ने फ्रांस और सऊदी अरब के जरिए युनाइटेड तौर पर हुए एक यूएन सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें गाजा पट्टी से हमास की सत्ता समाप्त करने और उसके हथियारों को फिलीस्तीनी अथॉरिटी को सौंपने की मांग की गई है. इस ऐलान में इजरायल-फिलिस्तीन जंग के समाधान के तौर पर टू नेशन थ्योरी को भी समर्थन दिया गया है.
इस पत्र में कहा गया है कि गाजा जंग को खत्म करने के लिए, हमास को गाजा में अपनी सत्ता खत्म करनी चाहिए और हथियार फिलीस्तीनी अथॉरिटी को सौंपने चाहिए. यह काम इंटरनेशनल हिस्सेदारी और समर्थन के साथ होना चाहिए, ताकि एक आज़ाद फिलीस्तीनी स्टेट के टारगेट को हासिल किया जा सके.
इस पत्र पर 22 सदस्यीय अरब लीग, पूरा यूरोपीय संघ, और अन्य 17 देशों ने हस्ताक्षर किए. यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गाजा में शांति बहाली और स्थायी समाधान की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है,
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हमास जैसे संगठन की आलोचना किसी अरब या मुस्लिम देश ने की हो, लेकिन इस तरह का एकजुट विरोध कुछ हद तक असामान्य माना जा रहा है. हमास को कई अरब देशों में संदेह की नजर से देखा जाता है. ये ऐलान उस वक्त हुआ है जब गाजा में जंग को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है, और फिलीस्तीनियों के लिए एक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग को फिर से मजबूती मिल रही है.
भारत ने यूएन की गाजा को लेकर मीटिंग में कहा कि वह टू नेशन का समर्थन करता है और वह चाहता है कि जंग में मासूम फिलिस्तीनियों की जान न जाए. इसके साथ ही भारत ने कहा कि फिलिस्तीनियों तक खाना पहुंचे और वहां शांति बहाल हो. इस चीज में भारत पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है.
FAQs
सवाल- हमास और इजराइल के बीच जंग कब शुरू हुई?
जवाब- 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजराइल के हमले के बाद इस जंग का आगाज हुआ.
जवाब- इजराइल में हमास के जरिए 7 अक्टूबर 2023 को किए गए अटैक में 1200 लोगों की मौत हुई थी.
जवाब- 31-07-2025 तक फिलिस्तीनियों के मरने का आंकड़ा 60 हजार पार कर चुका है.