Gaza News: गाजा में हालात बेहद बदतर बने हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में 212 लोगों की भूख से मौत हुई है, जिनमें से 98 बच्चे शामिल हैं. आरोप लग रहे हैं कि इजराइल भूख को हथियार बना रहा है.
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Gaza News: गाज़ा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने इस बात की तस्दीक है कि अब तक भूख से 212 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 98 बच्चे शामिल हैं. जानकारों का कहना है कि यह नेचुरल आपदा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी नीति का नतीजा है.
जंग शुरू होने के बाद इज़रायल के डिफेंस मिनिस्टर योआव गैलेंट ने गाज़ा पर पूरी तरह से घेराबंदी करने का ऐलान किया था. जिसका मतलब न बिजली, न खाना, न ईंधन सब कुछ बंद. उस वक्त के ऊर्जा मंत्री इस्राइल कैट्ज़ ने मानवीय सहायता को हमास पर दबाव बनाने का अहम हथियार बनाया था.
आज के हालाक यही बताते हैं कि 23 लाख की आबादी को खाना, दवा और ईंधन से काट देने का नतीजा भुखमरी के तौर पर सामने आया है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट (IPC) के मुताबिक, 4.7 लाख लोग ‘कैटास्ट्रॉफ़िक’ स्थिति (IPC फेज 5) में हैं, जो सामूहिक मौत से पहले का अंतिम स्तर है.
यूनिसेफ के मुताबिक, गाज़ा शहर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में तेज कुपोषण की दर सिर्फ दो महीने में चार गुना बढ़कर 16.5% हो गई है. सिर्फ जुलाई 2024 में 74 लोग भुखमरी से मरे हैं, जिनमें 24 बच्चे थे.
अक्टूबर 2023 में लीक हुए एक इज़रायली खुफिया दस्तावेज़ में गाज़ा की आबादी को मिस्र के सीनाई इलाके में धकेलने की 'पसंदीदा योजना' का ज़िक्र था, जिसमें गाज़ा को रहने लायक न छोड़ने की बात थी.
राहत कर्मियों के मुताबिक, कई नवजात इतने कमज़ोर हैं कि रो भी नहीं पाते. एक पिता ने बताया कि उसके 6 हफ़्ते के बेटे की मौत इसलिए हुई क्योंकि दूध का पाउडर नहीं था और मां के शरीर में दूध बनना बंद हो गया था. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून जेनेवा कन्वेंशन के तहत नागरिकों को भूखा रखना जंग का तरीका नहीं हो सकता.