Nuh News: नूह में बूचड़खानों के खिलाफ भारी विरोध जारी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक बूचड़खानों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं होता है, वह अपना विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करने वाले हैं.
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Nuh News: नूंह में बूचड़खानों के खिलाफ लगातार विरोध जारी है. अब विरोध नेऔर गति पकड़ ली है. सोमवार को फिरोजपुर झिरका में इसको लेकर महापंचायत हुई. जिसमें कहा गया कि जब तक बूचड़खाने बंद नहीं हो जाते हैं, तब तक विरोध जारी रहेगा. इसके साथ ही मांग की गई कि नई बूचड़खानों की एनओसी रोकी जाए और पुराने बूचड़खानों को नियम के मुताबिक चलाया जाए.
अगली पंचायत गांव मांदीखेड़ा में होने वाली है. मेवात संयुक्त संघर्ष समिति के जरिए कराई गई इस पंचायत में कई नेताओं, सोशल वर्कर और मजहबी रहनुमा ने हिस्सा लिया, जो पांच घंटे तक चली. नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन अर्जुनदेव चावला की सदारत में हुई इस पंचायत में 36 बिरादरी के रीप्रेजेंटेटिव, मौलाना, मुफ्ति, सरपंच और भारी तादाद में लोग शामिल हुए.
पंचायत में फैसला लिया गया कि नए बूचड़खानों की एनओसी को रोका जाए. इसके साथ ही जो बूचड़खाने पहले से चल रहे हैं, उन्हें सरकारी मानकों के मुताबिक चलाया जाए. जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक लोगों का ये आंदोलन जारी रहेगा.
पंचायत के दौरान वक्ताओं ने कहा कि इन बूचड़खानों की वजह से मेवात की हवा खराब हो रही है और इनका असर अंडरग्राउंड वॉटर भी पड़ रहा है. जिसकी वजह से लोगों में अलग-अलग तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है. कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया लेकिन इससे कोई हल नहीं निकला है.
वक्ताओं का कहना है कि अगर इन बूचड़खानों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ तो जनता सड़क पर उतरकर विरोध करेगी. लोगों ने आरोप लगाया कि इन बूचड़खानों की वजह से लोगों में कैंसर और टीबी जैसी दिक्कतें पैदा हो रही हैं. बदबू इतनी होती है कि लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है.
पंचायत के दौरान सभी नेताओं ने एकजुट होकर इन बूचड़खानों के खिलाफ आंदोलन करने की बात की है. सभी ने साफ कहा है कि ये लड़ाई सिर्फ एक वर्ग की नहीं है बल्कि पूरे मेवात की है और इसमें सभी को हिस्सा लेना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व विधायक नसीम अहमद ने कहा कि जब आंदोलन करने पर अंग्रेज देश छोड़कर भाग सकते हैं, तो बूचड़खानों को भी हटाया जा सकता है.