1 बाप को बेटी की लाश तक नहीं मिली; दुबई में दफना दी गई फांसी की सजा पाने वाली शहजादी
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1 बाप को बेटी की लाश तक नहीं मिली; दुबई में दफना दी गई फांसी की सजा पाने वाली शहजादी

Shahzadi Khan buried in Abu Dhabi: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की निवासी और दुबई में फांसी की सजा पाने वाली शहजादी की लाश को 5 मार्च को दुबई में ही दफना दिया गया.  शहजादी के परिवार की तरफ से भेजे गए अधिकृत प्रतिनिधियों ने पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी. वे मस्जिद में जनाज़े की नमाज के साथ-साथ बनियास कब्रिस्तान में दफनाने के आखिरी रसुमात में भी शामिल हुए.

 1 बाप को बेटी की लाश तक नहीं मिली; दुबई में दफना दी गई फांसी की सजा पाने वाली शहजादी

दुबई:  भारतीय नागरिक शहजादी खान को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में अपने नियोक्ता के बच्चे की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा मिलने के बाद गुरुवार को उसे अबू धाबी में दफना दिया गया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली 33 वर्षीय भारतीय नागरिक को यूएई के नियमों के मुताबिक आज अबू धाबी में दफना दिया गया. "दफनाने से पहले, शहजादी के परिवार की तरफ से भेजे गए अधिकृत प्रतिनिधियों ने पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी. वे मस्जिद में जनाज़े  की नमाज के साथ-साथ बनियास कब्रिस्तान में दफनाने के आखिरी रसुमात में भी शामिल हुए.

गौरतलब है कि शहजादी को अपने एम्प्लायर के बच्चे के क़त्ल के जुर्म में कसूरवार ठहराया गया था और यूएई में मौत की सजा सुनाई गई थी. यूएई की सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ कैसेशन ने उसकी सजा को बरकरार रखा था.  28 फरवरी को यूएई के अफसरान ने भारतीय दूतावास को बताया था कि 15 फरवरी को  शहजादी की सजा वहां के मकामी कानूनों के तहत दी गई है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि शहजादी के परिवार को इस मामले की जानकारी दे दी गई है.

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क्या है पूरा मामला ? 
दिसंबर 2021 में बाँदा निवासी शब्बीर खान की बेटी दुबई गई थी. अगस्त 2022 में, उसके नियोक्ता ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके लिए शब्बीर की बेटी को देखभाल करने वाले के रूप में नौकरी पर रखा था. 7 दिसंबर, 2022 को, शिशु को नियमित टीके लगाए गए और उसी शाम उसकी मौत हो गई.  अस्पताल ने पोस्टमॉर्टम की सिफारिश की, लेकिन बच्चे के माता-पिता ने इससे इनकार कर दिया और आगे की जांच से छूट देते हुए एक समझौते पर दस्तखत भी किया. बाद में दम्पति ने अपनी नौकरानी शहजादी पर हत्या का इल्ज़ाम लगा दिया. फरवरी 2023 में, एक वीडियो रिकॉर्डिंग में कथित तौर पर शब्बीर की बेटी शहजादी को बच्चे की हत्या की बात कबूल करते हुए दिखाया गया था. दावा किया गया कि नियोक्ता और उसके परिवार द्वारा यातना और दुर्व्यवहार मिलने का बदला लेने के लिए शहजादी ने बच्चे की हत्या की थी. 10 फरवरी, 2023 को उसे अबू धाबी पुलिस को सौंप दिया गया और 31 जुलाई, 2023 को उसे शिशु की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई.

खारिज हो गयी दया याचिका 
भारतीय दूतावास दके जरिये शहजादी को कानूनी सलाह दी गयी थी, लेकिन कथित तौर पर उसे अपना पक्ष रखने से वंचित करते हुए, उसे कबूल करने के लिए दबाव डाला गया कि हत्या उसी ने की है. सितंबर 2023 में उसकी अपील खारिज कर दी गई और 28 फरवरी, 2024 को मौत की सजा बरकरार रखी गई. शब्बीर खान ने भारतीय दूतावास के जरिये क्षमादान की कार्यवाही की मांग की थी. उन्होंने मई 2024 में एक नई दया याचिका दायर की.  11 जुलाई, 2024 को, उन्होंने अबू धाबी में भारतीय दूतावास को एक दया याचिका भेजी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. 14 फरवरी, 2025 को, शब्बीर खान को अपनी जेल में बंद बेटी का फोन आया, जिसमें उसने बताया कि अगले 2 - 3 दिन में उसे फांसी दे दी जायेगी. 

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