'अल्लाह को हर पोस्ट का देना होगा हिसाब,' इमामे हरम का सोशल मीडिया यूजर्स को दो टूक
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'अल्लाह को हर पोस्ट का देना होगा हिसाब,' इमामे हरम का सोशल मीडिया यूजर्स को दो टूक

Masjid Al Haram Imam on Social Media: मस्जिद-ए-हरम के इमाम शेख यासिर अद-दुसरी ने जुमे के खुतबे में मुसलमानों से सोशल मीडिया पर झूठी खबरें और फर्जी फतवे न फैलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि हर पोस्ट के लिए इंसान अल्लाह के सामने जवाबदेह होगा और अफवाहों से समाज में नफरत फैलती है.

 

इमामे हरम इमाम शेख यासिर अद-दुसरी (फाइल फोटो)
इमामे हरम इमाम शेख यासिर अद-दुसरी (फाइल फोटो)

Mecca Imam News: पूरी दुनिया के मुसलमानों में सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में स्थित मस्जिद-ए-हरम का खास स्थान है. मस्जिद-ए-हरम के इमाम के बयानों को न सिर्फ सऊदी अरब में बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमान काफी संजीदगी से लेते हैं. वहीं, अब मस्जिद-ए-हरम के इमाम का एक बयान सुर्खियों में हो, जिसकी खूब तारीफ हो रही है. 
 
मस्जिद-ए-हरम के इमाम शेख यासिर अद-दुसरी ने जुमे के खुतबे में अहम बयान दिया. इस दौरान शेख यासिर अद-दुसरी ने सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलान वालों को कड़ी नसीहत दी. खुतबे जुमा (जुमे की नमाज के दौरान दिए गए भाषण) में उन्होंने कहा कि जो भी शख्स इंटरनेट या सोशल मीडिया पर कोई भी बात लिखता या शेयर करता है, वह इसके लिए अल्लाह के सामने जिम्मेदार होगा.

इमाम शेख यासिर अद-दुसरी ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट झूठे फतवे, मनगढ़ंत बयान और अफवाहें फैलाते हैं, जिनका मकसद समाज में नफरत और बंटवारे का माहौल बनाना होता है. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे किसी भी खबर या जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी पूरी जांच और तस्दीक जरूर करें.

शेख यासिर अद-दुसरी ने कहा कि सोशल मीडिया एक जिम्मेदारी भरा जरिये है, और इसका इस्तेमाल सोच-समझकर किया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि झूठी बातें फैलाने वाले खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं और वे आखिरत (मरणोपरांत जीवन) में इसके लिए जवाबदेह होंगे.

इस्लाम के सबसे पवित्र मस्जिदों में से एक के इमाम शेख यासिर ने अपने भाषण में टेक्नोलाजी के सही इस्तेमाल पर भी जोर दिया. उन्होंने बताया कि कैसे सऊदी अरब सरकार टेक्नोलॉजी को लोगों की भलाई के लिए इस्तेमाल कर रही है, लेकिन कुछ लोग इसका नाजायज इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन अब लोगों को जोड़ने का नहीं बल्कि उन्हें अकेला करने का जरिया बनता जा रहा है.

शेख यासिर ने चिंता जताते हुए कहा कि आजकल सोशल मीडिया एक दिखावे और झूठी जिदगी का मंच बन गया है, जो लोगों में हसद (ईर्ष्या), नाखुशी और नाशुक्री की भावना को बढ़ा रहा है. लोग अपनी असल जिंदगी को भूलकर सिर्फ आभासी दुनिया में जी रहे हैं, जो समाज के लिए खतरनाक है.

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