नंहू इज्तिमा के अखिरी दिन मांगी गई देश में अमन शांति की दुआ, वक्फ कानून पर नहीं हुई बात!
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नंहू इज्तिमा के अखिरी दिन मांगी गई देश में अमन शांति की दुआ, वक्फ कानून पर नहीं हुई बात!

Nuh Ijtema 2025: नहूं में जारी तीन दिवसीय इज्तेमा का आज समाप्त हो गया. इस इज्तिमा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में देश विदेश से लोग पहुंचे. इज्तिमा के दौरान एक दुखद घटना हुई है, जब पत्नी की प्रसव पीड़ा की खबर सुनकर घर लौट रहे एक इमाम की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई. मौलान साद ने मंच से मुसलमानों से खास अपील की.

 

फाइल फोटो
फाइल फोटो

Nuh News Today: हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका में तीन दिवसीय इज्तिमा का आयोजन किया गया. इस इज्तिमा का आज सोमवार (21 अप्रैल) को आखिरी दिन था, इसमें भाग लेने के लिए पूरे देश से बड़ी संख्या में मुसलमान फिरोजपुर झिरका पहुंचे. इज्तिमा के आखिरी दिन मशहूर आलिमेदीन मौलाना साद ने दुआ की, जिसके बाद इज्तिमा का औपचारिक रुप से समापन हो गया. 

दुआ के बाद इज्तिमा में शामिल होने आए लोग घरों के लिए रवाना हो गए. इज्तिमा में आए लोगों का कहना है कि इस तीन दिवसीय जलसे में किसी भी तरह के वक्फ कानून पर कोई बात नहीं हुई है, बल्कि सिर्फ और सिर्फ धर्म से जुड़ी हुई बातों का इसमें जिक्र किया गया है. आज सुबह में हुई दुआ में देश में अमन शांति, बरकत और लोगों के खैर की दुआ मांगी गई.  

ट्रैफिक कंट्रोल का था खास इंतजाम

इज्तिमा में करीब 15 लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी और लगभग ऐसी ही भीड़ मौके पर देखने को मिली. भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब इज्तिमा खत्म होने के बाद वहां से लोग निकले तो सड़क पर लंबा जाम लग गया. जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. नूंह पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल करने और जाम को खुलवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. 

मौलाना साद की खास अपील

इससे पहले कल तब्लीगी जमात के इज्तिमा में जमात प्रमुख मौलाना साद ने कहा कि इस्लाम कभी भी देश विरोधी गतिविधियों की इजाजत नहीं देता है. उन्होंने कहा कि एक सच्चा मुसलमान वही होता है जो शरीयत के साथ देश के कानूनों का भी पालन करे. मौलाना ने मुस्लिम समुदाय को सही रास्ते पर चलने की नसीहत दी और कहा कि ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी की भावनाएं आहत हों या कानून का उल्लंघन हो.

इज्तिमा से लौट रहे इमाम की हादसे में मौत

दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, जारी धार्मिक समारोह के दौरान दुखद घटना सामने आई, जब इज्तिमा से लौट रहे एक इमाम को डंपर ने टक्कर मार दी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. मृतक इमाम को पत्नी के प्रसव पीड़ा की सूचना मिली थी, जिसके बाद वह तुरंत मौके से घर के लिए लौट रहे थे. हादसा घाटा बसई गांव के पास हुआ.

गौरतलब है कि नूंह को तब्लीगी जमात की शिक्षा का प्रारंभिक केंद्र माना जाता है. 1926-27 में मौलाना इलियास कांधलवी ने यहां से इस्लामी प्रचार की शुरुआत की थी. मदरसा मोइनुल इस्लाम इस आंदोलन का अहम केंद्र रहा, आज तब्लीगी जमात 150 से ज्यादा देशों में सक्रिय है और नूंह इस्लामी शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बन चुका है.

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