SIGAR on Afghanistan Women Rights: अमेरिकी निगरानी संस्था SIGAR की आखिरी रिपोर्ट में तालिबान शासन के दौरान अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के दमन, अमेरिकी सहायता में कटौती, भ्रष्टाचार और मानवीय संकट जैसे मुद्दों को उजागर किया है. हालांकि, तालिबान ने आरोपों को खारिज किया है.
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Afghanistan News Today: अफगानिस्तान में तालिबान शासन के चार साल पूरे होने के करीब हैं और इसी बीच अमेरिका की निगरानी संस्था स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल फॉर अफगानिस्तान रिकंस्ट्रक्शन (SIGAR) ने अपनी आखिरी और 68वीं रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात, अमेरिकी मदद में कटौती, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे कई अहम मुद्दों को उठाया गया है.
SIGAR की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराता जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें तालिबान सरकार की नीतियों पर टिकी हुई हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि तालिबान ने पिछले कुछ सालों में महिलाओं और लड़कियों के ज्यादातर अधिकार छीन लिए हैं, जिससे अफगान समाज में गहरी चिंता और नाराजगी फैल गई है.
इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के कई भयावह पन्नों को दुनिया के सामने उजागर किया है. SIGAR की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान शासन में महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जिंदगी में भागीदारी पर काफी हदतक रोक लगा दी गई है. स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में लड़कियों की पढ़ाई बंद कर दी गई है और ज्यादातर औरतें अपने पेशेवर जिंदगी से दूर हो गई हैं,
राजनीतिक विश्लेषक अब्दुल सादिक हमीदजोय ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं सिर्फ रिपोर्ट जारी कर रही हैं, लेकिन तालिबान की नीतियों पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं." SIGAR की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने 2025 के लिए अफगानिस्तान को सिर्फ 342 मिलियन डॉलर की मानवीय सहायता दी है, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 968 मिलियन डॉलर से भी ऊपर था.
यह कटौती ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान की आम जनता आर्थिक तंगी और रोजगार संकट से जूझ रही है. अफगान नागरिकों का कहना है कि इस मदद में कमी से राशन, दवाइयों और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं पर असर पड़ा है.
रिपोर्ट में तालिबान पर यह भी आरोप लगाया गया कि उसने अमेरिकी मदद में दखलअंदाजी की है. हालांकि, अफगानिस्तान के उप-आर्थिक मंत्री अब्दुल लतीफ नजारी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "अमेरिका ने मानवीय मदद को सियासी रंग दे दिया है. हम साफ करना चाहते हैं कि इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान किसी भी अंतरराष्ट्रीय सहायता में दखलअंदाजी नहीं करता है."
SIGAR, साल 2008 से अफगानिस्तान में अमेरिका के जरिये किए गए खर्च और पुनर्निर्माण की कोशिशों की निगरानी कर रहा था, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि 15 साल की इस निगरानी के बावजूद भ्रष्टाचार, प्रशासनिक नाकामी और अफगान नागरिकों की दुर्दशा नहीं रुकी. सियासी मामलों के जानकार इदरीस मोहम्मदी जाजई ने कहा, "SIGAR ने भ्रष्टाचार पर कई रिपोर्टें दीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इसका फायदा आम जनता तक नहीं पहुंच पाया.