Iran News: ईरान को अमेरिका ने बातचीत का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, ईरान का कहना है कि वह इस पर तभी बातचीत करेगा, तब अमेरिका इसका फायदा न उठाए.
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Iran News: ईरान, इजराइल और यूएस के बीच जंग के बाद हालात को नॉर्मल हो गए हैं. लेकिन, ईरान को ठगे से होने का एहसास हो रहा है. क्योंकि ईरान अमेरिका से लगातार न्यूक्लियर टॉक कर रहा था. इसी बीच इजराइल और अमेरिका ने उसकी न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बना दिया. अब अमेरिका चाहता है कि वह बातचीत दोबारा शुरू हो जाए. लेकिन, ईरान सीधे तौर पर इसके लिए तैयार नजर नहीं आ रहा है.
ईरान उप विदेश मंत्री सईद खतीबज़ादेह ने कहा,"अमेरिका ने ईरान को बातचीत के लिए संदेश भेजे हैं, लेकिन ईरान को यह भरोसा चाहिए कि अमेरिका फिर से बातचीत का गलत फायदा नहीं उठाएगा. उन्होंने यह बात मंगलवार को एक वेबिनार में कही जिसका नाम था,"ईरान पर इज़राइल का हमला: मुस्तकबिल की तस्वीर".
खतीबज़ादेह ने यह भी कहा,"ईरान ने पिछले 200 सालों में कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है, लेकिन उसे पता है कि हमलों को कैसे जवाब दिया जाता है." अब फैसला अमेरिका और उसके सहयोगियों को करना है. क्या वे सम्मान से बात करना चाहते हैं या टकराव से. जो अमेरिका ने किया, वह माफ नहीं किया जा सकता, और ईरान के अधिकारों का खुला उल्लंघन था."
उन्होंने यह भी कहा,"ईरान ने हमेशा कूटनीति का रास्ता अपनाया है. चाहे युद्ध हो या शांति का समय. लेकिन, सही माहौल होना जरूरी है, और दूसरा पक्ष ईरान का भरोसा जीतने में सक्षम होना चाहिए."
दरअसल, 13 जून को इजराइल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया. इसके साथ ही मिलिट्री अधिकारियों और साइंटिस्ट्स को भी निशाना बनाया गया. इसी के बाद से जंग शुरू हो हई और 12 दिनों बाद सीजफायर हुआ. हालांकि, सीजफायर से कुछ दिन पहले ही अमेरिका भी इजराइल के साथ आ खड़ा हुआ और ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया.
इसके बाद 23 जून को ईरानी सेना ने कतर में एक अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमला भी किया. इजराइल का कहना है कि उनका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना था, क्योंकि उन्हें शक था कि ईरान परमाणु बम बना रहा है. लेकिन, ईरान ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है, और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संगठन ने भी पुष्टि की है कि ईरान की गतिविधियों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है.
खतीबज़ादेह ने कहा,"हमें बातचीत के लिए संदेश मिल रहे हैं, लेकिन अमेरिका को ईरान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा देना होगा कि वह इन वार्ताओं का गलत फायदा नहीं उठाएगा." उन्होंने कहा कि अगर जंग से मकसद पूरे नहीं हुए, तो अमेरिका को सम्मानजनक और बराबरी के आधार पर बातचीत करनी चाहिए.