China atrocities on Uyghurs: चीन के शिनजियांग से यूरोप तक बढ़ती कार्गो उड़ानों को लेकर रिपोर्ट में दावा है कि इनमें जबरन श्रम से बना सामान भेजा जा रहा है. उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के बीच ये उड़ानें मानवाधिकार उल्लंघन पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं.
Trending Photos
Genocide of Uyghurs by China: एक मालवाहक विमान चीन के शिनजियांग से यूरोप पहुंचा, लेकिन उसके साथ उठे हैं मानवाधिकार उल्लंघन को बड़ा सवाल. उड़ानें बढ़ रही हैं, लेकिन साथ ही शक भी गहराता जा रहा है. क्या इन सामानों के पीछे छिपी है उइगर मुस्लिमों की जबरन मेहनत? चीन लगाता तुर्की नस्ल को लोगों पर शिनजियांग में प्रताड़ित कर रहा है.
चीन से यूरोप तक उड़ान भरते कार्गो विमानों को लेकर एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. 21 मई को चीन के शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमची से एक मालवाहक विमान करीब 50 टन ई-कॉमर्स सामान लेकर एस्टोनिया की राजधानी ताल्लिन पहुंचा. इस विमान ने ताशकंद (उज्बेकिस्तान) में छोटा सा ठहराव भी लिया.
यह सामान्य व्यापारिक उड़ान लग सकती है, लेकिन उइगर ह्यूमन राइट्स प्रोजेक्ट (UHRP) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह विमान उस इलाके से आया है जहां उइगर मुस्लिम समुदाय के साथ चीन सरकार पर गंभीर मानवाधिकार हनन और जबरन श्रम के आरोप हैं. इसका खुलासा किसी तरह से बचकर निकले लोगों ने अलग-अलग प्लेटफॉर्म से शेयर किया है.
उड़ानों पर फोर्स्ड लेबर का अंदेशा
UHRP की रिपोर्ट बताती है कि जून 2024 से मई 2025 के बीच उरुमची से यूरोप, यूके और स्विट्जरलैंड के शहरों तक 20 से ज्यादा नई कार्गो उड़ानें शुरू हुई हैं. अब हर हफ्ते करीब 40 मालवाहक विमान यूरोप पहुंचते हैं, जिनमें कपड़े, मोबाइल एक्सेसरीज, एलईटी लाइट्स और कृषि उत्पाद जैसे सामान शामिल हैं और अंदेशा है कि ये सभी जबरन मजदूरी से बनाए गए हो सकते हैं.
उइगर समुदाय एक तुर्क मूल का मुस्लिम बहुल समुदाय है, जो चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 से अब तक 18 से 30 लाख उइगरों को कैंपों और जेलों में बंद किया गया है. वहां जबरन मजदूरी, धार्मिक नियंत्रण और जबरन सांस्कृतिक विचारों को खत्म करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.
कौन-कौन सी कंपनियां हैं शामिल?
इन कार्गो उड़ानों का संचालन कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के जरिये किया जा रहा है. इनमें चीन की एसएफ एयरलाइंस, यूके की यूरोपियन कार्गो और टाइटन एयरवेज, जॉर्जिया की कैमेक्स, और उज्बेकिस्तान की उज्बेकिस्तान एयरवेज शामिल हैं. ये कंपनियां लंदन, ज्यूरिख, बुडापेस्ट, बुखारेस्ट, विएना, एथेंस और लीपज़िग जैसे यूरोपीय शहरों तक नियमित रूप से माल पहुंचा रही हैं.
हालिया जुलाई 2025 में शिनजियांग एयरपोर्ट ग्रुप ने ऐलान किया कि अब पेरिस और मैड्रिड के लिए भी कार्गो उड़ानें शुरू की जाएंगी. संगठन का लक्ष्य साल के अंत तक 40 अंतरराष्ट्रीय कार्गो मार्ग शुरू करने का है.
यूके ने जताई, ईयू कानून बेअसर
यूरोपियन यूनियन ने अप्रैल 2024 में एक नया कानून पास किया है जो जबरन मजदूरी से बने सामानों की बिक्री पर रोक लगाता है, लेकिन वह कानून दिसंबर 2027 से पूरी तरह लागू होगा. इसका मतलब है कि तब तक ऐसे सामान बिना किसी बड़ी जांच के यूरोप पहुंच सकते हैं.
यूनाइटेड किंगडम (UK) में भी इसको लेकर चिंता जताई जा रही है. जनवरी 2025 में लॉर्ड डेविड एल्टन ने सरकार से जांच की मांग की थी कि क्या ये माल जबरन मजदूरी से बनाया गया है. यूके की गृह मंत्रालय ने माना कि वे आमतौर पर ऐसी जांच नहीं करते हैं.
UHRP का मानना है कि ये उड़ानें चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत शुरू की गई हैं. इसे "एयर सिल्क रोड" नाम दिया गया है, जिससे उरुमची को ग्लोबल लॉजिस्टिक्स हब बनाया जा रहा है. साल 2017 में शिनजियांग में 18 एयरपोर्ट थे, अब 2024 तक ये बढ़कर 26 हो चुके हैं और 2025 तक 33 का लक्ष्य है.
'व्यापार के नाम पर मानवाधिकारों की अनदेखी'
ऐसे में अगर यूरोपीय देश और UK समय रहते सख्ती नहीं बरतते हैं तो उइगरों पर हो रहे अत्याचारों से बना सामान सीधे यूरोपीय बाजार में आकर वहां की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकता है. इससे उइगरों पर चीन की नरसंहार की नीति को बल मिलेगा.
UHRP का कहना है कि सिर्फ व्यापार के नाम पर मानवाधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती. सरकारों को अब जागना होगा वरना रेल, सड़क और हवाई मार्ग से अत्याचार यूरोप में खुलेआम घुसता रहेगा.