Lebanon Hezbollah News: हिजबुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल शेख नईम क़ासिम ने एक बायन में कहा कि अमेरिका सिर्फ हिजबुल्ला की मिसाइलों और ड्रोन सिस्टम को हटवाना चाहता है. क्योंकि ये इज़राइल के लिए खौफ की वजह बन चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Lebanon Hezbollah News: अमेरिका लगातार लेबनान पर हिजबुल्ला को हथियार छोड़ने के लिए तैयार करने का दबाव बना रहा है. इस मुद्दे पर हिजबुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल शेख नईम क़ासिम ने स्पष्ट लहजे में कहा है कि हिजबुल्लाह को हथियार डालने पर मजबूर करने की हर कोशिश महज़ इज़राइली मंसूबों को कामयाब करने के लिए की जा रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी विशेष दूत टॉम बैरक पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हिजबुल्लाह से हथियार लेबनान की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि इज़राइल के फायदे के लिए सरेंडर करवाना चाहते हैं.
हिजबुल्लाह के वरिष्ट कमांडर फ़ुआद शुक्र की शहादत की पहली बरसी के मौक़े पर एक टेलीविज़न खिताब के दौरान इस मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा, 'जो लोग हमसे हथियार छोड़ने की बात करते हैं, वो असल में इज़राइल को ये हथियार सौंपने की मांग कर रहे हैं. मगर हम इज़राइल के आगे कभी सर नहीं झुकाएँगे.'
उन्होंने दावा किया कि अमेरिका, लेबनान की हुकूमत पर दबाव डाल रहा है कि वो एक औपचारिक फ़ैसले के ज़रिये हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र करे. उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि लेबनानी कैबिनेट एक ऐसा एलान करे जो, इज़राइल के हक़ में हो और सीजफायर को आगे बढ़ाया जा सके.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हुई जंग में हिजबुल्लाह को काफी नुक़सान उठाना पड़ा. इस दौरान इजरायली हमले में कई कमांडरों की मौत हो गई और हज़ारों लड़ाके मारे गए.
क़ासिम ने कहा कि अमेरिका सिर्फ हिजबुल्ला की मिसाइलों और ड्रोन सिस्टम को हटवाना चाहता है. क्योंकि ये इज़राइल के लिए खौफ की वजह बन चुके हैं. उन्होंने अमेरिका के ख़ास दूत टॉम बैरक पर इल्ज़ाम लगाया कि उनका मक़सद लेबनान की हिफ़ाज़त नहीं बल्कि इज़राइल की मदद करना है.
उन्होंने कहा, 'हम इज़राइल की किसी साज़िश का हिस्सा नहीं बनेंगे. जो लोग अंतर्राष्ट्रीय या अरब प्लेटफॉर्म से हिजबुल्लाह को निरस्त्र करने की मांग कर रहे हैं, वो इज़राइली एजेंडे का समर्थक हैं. क़ासिम ने आख़िर में कहा, 'इज़राइल हमें कभी हरा नहीं सकता, और न ही लेबनान को गिरफ़्त में ले सकता है.'