Import-Export: रेसिप्रोकल टैरिफ की चिंता के बीच मार्च में भारत से जमकर एक्सपोर्ट किया गया. इससे 2024-25 में अमेरिका को कुल निर्यात रिकॉर्ड 86.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. दूसरी तरफ चीन से आयात भी रिकॉर्ड 113.45 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया.
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India Export To America: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही थी. इसको लेकर उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच पर बयान भी दिया था. ट्रंप की तरफ से लागू किये जाने वाले टैरिफ को लेकर दुनियाभर के देशों में चिंता का माहौल था. इसी का असर रहा कि अप्रैल की शुरुआत में भारत समेत दुनियाभर के बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई. 9 अप्रैल को ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ को लागू तो किया. लेकिन कुछ ही दिन बाद उन्होंने चीन को छोड़कर बाकी देशों को इससे 90 दिन के लिए राहत दे दी. जब ट्रंप की तरफ से टैरिफ लागू किये जाने के बारे में कहा जा रहा था तो भारतीय एक्पोर्टर ज्यादा से ज्यादा सामान निर्यात करने पर फोकस कर रहे थे.
मार्च के महीने में भारत से जमकर एक्सपोर्ट किया गया
कॉमर्स मिनिस्ट्री की तरफ से जारी किये गए मार्च महीने के आयात और निर्यात के आंकड़ों से तो यही समझ आ रहा है. आंकड़ों से साफ है कि रेसिप्रोकल टैरिफ की चिंता के कारण मार्च के महीने में भारत से जमकर एक्सपोर्ट किया गया. इससे 2024-25 में अमेरिका को कुल निर्यात रिकॉर्ड 86.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. कॉमर्स मिनिस्ट्री की तरफ से जारी किये गए अस्थायी व्यापार आंकड़ों के अनुसार पिछले फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में चीन से आयात भी रिकॉर्ड 113.45 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया.
अमेरिका को 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा का माल भेजा
भारतीय निर्यातकों की तरफ से मार्च के महीने में ही अमेरिका को 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा का माल भेजा गया. यह पिछले साल मार्च महीने के मुकाबले 35 प्रतिशत ज्यादा है. हालांकि, पूरे साल का सामान का निर्यात 437.42 बिलियन डॉलर के आंकड़े पर रहा, जो पिछले साल के 437.07 बिलियन डॉलर के करीब ही है. इसका मतलब यह हुआ कि पूरे साल के दौरान सामान के निर्यात में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई.
चीन से इम्पोर्ट भी रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा
चीन से भारत का आयात भी साल 2024-25 में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. भारत ने चीन से 113.45 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा. मार्च महीने में चीन से आयात 25% तक बढ़ गया. सालाना आंकड़े पर नजर डालें तो देश का कुल आयात 11.52% बढ़कर 915.19 बिलियन डॉलर हो गया. यही कारण है कि देश का व्यापार घाटा 94.26 बिलियन डॉलर का रहा. आपको बता दें व्यापार घाटा उसी स्थिति में होता है जब आयात, निर्यात से ज्यादा हो. भारत का आयात 7% बढ़ने के कारण यह रिकॉर्ड घाटा हुआ.
सर्विस के निर्यात में भी हुई बढ़ोतरी
सामान के निर्यात ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया. लेकिन सर्विस के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई. 2024-25 में भारत ने 383.51 बिलियन डॉलर की सर्विस निर्यात कीं. ये इससे पहले वित्तीय वर्ष के 341.06 बिलियन डॉलर के मुकाबले 12.45% ज्यादा है. भारत ने सर्विस के व्यापार में सर्विस ट्रेड सरप्लस बनाए रखा. इस साल सर्विस का इम्पोर्ट 195.95 बिलियन डॉलर रहा. इसका मतलब यह हुआ कि भारत ने सर्विस के निर्यात से ज्यादा कमाई की.
चीन के साथ व्यापार घाटा चिंता का विषय
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के प्रमुख अजय श्रीवास्तव ने कहा कि चीन के साथ देश का ट्रेड डेफिसिट 99.2 बिलियन डॉलर हो गया है. उन्होंने कहा, 'चीन भारत का सबसे बड़ा सप्लायर है. वह 8 बड़े इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट में भारत को सामान देता है. भारत की PLI योजनाएं आयात बढ़ा रही हैं क्योंकि हमें चीन से बहुत सामान लाना पड़ता है. चिंता की बात यह है कि भारत का चीन को निर्यात 14.5% कम होकर 14.2 बिलियन डॉलर हो गया. यह 2014 से भी कम है, जो कि एक बड़ी समस्या है.'
कॉफी और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में उछाल
ब्राजील में सूखे और गर्मी की वजह से कॉफी का प्रोडक्शन कम हुआ. ब्राजील दुनिया में कॉफी का बड़ा उत्पादक है. इसका फायदा भी भारत को मिला. भारत ने 2024-25 में 1.8 बिलियन डॉलर की कॉफी एक्सपोर्ट की, जो 40% ज्यादा है. यह अब तक का सबसे ज्यादा कॉफी निर्यात है. रॉबस्टा कॉफी की कीमतें भी ग्लोबल मार्केट में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गईं. इसके अलावा भारत से iPhone के निर्यात बढ़ने की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 32% बढ़कर 38 बिलियन डॉलर हो गया.
कुछ सेक्टर में निर्यात बढ़ा तो कुछ में गिरावट
दवाईयां, फल-सब्जियां, अनाज से बने प्रोडक्ट और अन्य प्रोसेस्ड सामान का निर्यात 5-10% तक बढ़ गया है. लेकिन जेम्स-ज्वैलरी, हैंडीक्रॉफ्ट और रसायन का निर्यात 2-10% कम हुआ. इंजीनियरिंग से जुड़े सामान का निर्यात पूरे साल में 6.74% बढ़ा. लेकिन मार्च 2025 में यह 4% कम होकर 10.82 बिलियन डॉलर रह गया, जो पिछले साल मार्च में 11.27 बिलियन डॉलर था.