सोच भी नहीं पा रहे हम, हर साल 1.5 ट्रिलियन डॉलर का सेहत से जुड़ा आर्थिक नुकसान कर रहा प्लास्टिक
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सोच भी नहीं पा रहे हम, हर साल 1.5 ट्रिलियन डॉलर का सेहत से जुड़ा आर्थिक नुकसान कर रहा प्लास्टिक

प्लास्टिक का यूज जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे दुनियाभर के इंसानों को सेहत से जुड़ा जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ रहा है, इसे वक्त रहते मैनेज करना होगा, वरना बहुत दे हो जाएगी.

सोच भी नहीं पा रहे हम, हर साल 1.5 ट्रिलियन डॉलर का सेहत से जुड़ा आर्थिक नुकसान कर रहा प्लास्टिक

Plastic pollution: यूनाइटेड नेशंस की प्लास्टिक ट्रीटी से पहले, 'द लैंसेट' जर्नल में सोमवार (4 अगस्त) को एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि प्लास्टिक पॉल्यूशन इंसान और धरती दोनों की सेहत के लिए एक कम-पहचाना गया खतरा है, जिसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए. इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप के लीडरशिप में ये रिपोर्ट इस बात के मौजूदा सबूतों की समीक्षा करती है कि प्लास्टिक - जिसमें माइक्रोप्लास्टिक और प्लास्टिक केमिलकल्स शामिल हैं, ये हेल्थ को कैसे इम्पैक्ट करते हैं. 

प्लास्टिक से इतना बड़ा नुकसान
अमेरिका के बोस्टन कॉलेज (Boston College, US.) के कॉरेस्पॉन्डिंग ऑथर प्रोफेसर फिलिप जे लैंड्रिगन (Prof Philip J Landrigan) ने कहा, "प्लास्टिक इंसान और प्लैनेट की सेहत के लिए एक गंभीर, बढ़ता और कम-पहचाना गया खतरा है. प्लास्टिक बचपन से लेकर बुढ़ापे तक बीमारी और मौत का कारण बनता है और सालाना 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा के सेहत से जुड़े आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार है."

इसकी पूरी लाइफ साइकल है खतरनाक
रिपोर्ट में उन सबूतों पर चर्चा की गई है कि प्लास्टिक अपने लाइफ साइकिल के हर स्टेज - प्रोडक्शन, यूज और डिस्पोजल - में ह्यूमन हेल्थ को खतरे में डालता है. इसमें दिखाया गया है कि प्लास्टिक प्रोडक्शन से होने वाले एयर बॉर्न इमिशन में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5), सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड, साथ ही हार्मफुल केमिकल्स भी शामिल हैं, जिनके कॉन्टैक्ट में प्लास्टिक वर्क्स आ सकते हैं.

मैनेज करने में कमी
अमेरिका, स्विट्जरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के एक्सपर्ट्स ने प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स, उनकी उत्पादन मात्रा, इस्तेमाल और पहले से पता या संभावित टॉक्सिसिटी के बारे में ट्रांसपेरेंसी की कमी पर ध्यान दिया. एक्सपर्ट्स ने कहा, "कई प्लास्टिक केमिकल्स इंसानी जिंदगी के सभी स्टेजेज में कई हेल्थ इफेक्ट से जुड़े हैं."

इंसानी सेल्स में माइक्रोप्लास्टिक
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रोप्लास्टिक इंसानी सेल्स और बॉडी फ्लूइंड्स में पाए गए हैं, और, जबकि पोटेंशियल हेल्थ इम्पैक्ट्स के साथ रिश्ते को समझने के लिए और रिसर्च की जरूरत है, एक एहतियाती अप्रोच की गारंटी है. अनमैनेज्ड प्लास्टिक कचरे का अनुमानित 57 फीसदी हिस्सा खुले में जलाया जाता है - जो लो और मिडिल इनकम वाले देशों में एयर पॉल्यूशन का एक अहम सोर्स है.

कितना बढ़ सकता है प्लास्टिक प्रोडक्शन
एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्लास्टिक कचरा मच्छरों को अंडे देने और सूक्ष्मजीवों के विकास के लिए एक आवास भी प्रदान कर सकता है, जो शायद वेक्टर-बॉर्न डिजीज और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के प्रसार में योगदान दे सकता है. उन्होंने प्लास्टिक पॉल्यूशन पर विचार करते वक्त हेल्थ इफेक्ट पर ज्यादा ध्यान देने की गुजारिश की खासतौर पर, रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि, बिना बदलाव के, 2019 और 2060 के बीच प्लास्टिक प्रोडक्शन तकरीबन 3 गुना हो जाएगा.

मैनेज करना मुमकिन
लैंड्रिगन ने कहा कि हालांकि "प्लास्टिक के नुकसान का लगातार बिगड़ना अनअवॉइडेबल नहीं है," इसे सबूत पर आधारित, पारदर्शी रूप से ट्रैक किए गए, असरदार ढंग से लागू और पर्याप्त रूप से वित्त पोषित कानूनों और नीतियों द्वारा लागत-असरदार ढंग से कम किया जा सकता है.

कब होगी यूएन की मीटिंग
ग्लोबल लेवल पर प्लास्टिक के नुकसान को दूर करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने 2022 में प्लास्टिक प्रदूषण पर एक व्यापक, कानूनी रूप से बाध्यकारी साधन विकसित करने के लिए सर्वसम्मति से संकल्प लिया, जिसे ग्लोबल प्लास्टिक ट्रीटी कहा गया, जिसमें प्लास्टिक के पूरे लाइफ साइकल को शामिल किया गया है. इसको लेकर 5 अगस्त को मीटींग फिक्स की गई है.

नए प्रोजेक्ट का ऐलान
इस बीच, एक्सपर्ट्स ने प्लास्टिक के प्रभाव को ट्रैक करने के लिए एक नई परियोजना को शुरू करनी की भी घोषणा की: 'द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड प्लास्टिक्स' लैंड्रिगन ने कहा, "'द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड प्लास्टिक्स' इंडिकेटर्स की एक सीरीज की पहचान और ट्रैकिंग करेगा जो प्लास्टिक के पूरे लाइफ साइकिल में इंसानी सेहत पर प्लास्टिक और प्लास्टिक केमिकल्स के असर का दस्तावेजीकरण करते हैं. पहली इंडिकेटक रिपोर्ट 2026 के मिड में आने की उम्मीद है."

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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Shariqul Hoda शारिक़ुल होदा

ज़ी न्यूज में सीनियर सब एडिटर. हेल्थ और लाइफस्टाइल की स्टोरीज करते हैं. नेशनल, इंटरनेशनल, टेक, स्पोर्ट्स, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और लाइफस्टाइल का लंबा तजुर्बा है. जर्नलिज्म करियर की शुरुआत 2...और पढ़ें

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