इस राज्य में क्यों लगाया गया अंडे से बनी मायोनेज पर बैन? जानिए खतरा जिसे इग्‍नोर करना मुश्किल
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इस राज्य में क्यों लगाया गया अंडे से बनी मायोनेज पर बैन? जानिए खतरा जिसे इग्‍नोर करना मुश्किल

आज मेयोनेज ग्लोबल फास्ट फूड रेसेपीज का एक अहम इंग्रेडिएंट बन गया है. हालांकि, कच्चे अंडे से बनी ये चीज सीरियस हेल्थ रिस्क पैदा कर सकते हैं.

इस राज्य में क्यों लगाया गया अंडे से बनी मायोनेज पर बैन? जानिए खतरा जिसे इग्‍नोर करना मुश्किल

Egg Mayonnaise Banned In Tamil Nadu: तमिलनाडु सरकार ने पब्लिक हेल्थ रिस्क का हवाला देते हुए कच्चे अंडे से बने मेयोनेज के प्रोडक्शन, स्टोरेज, डिस्ट्रिब्यूशन और बिक्री पर एक साल के लिए बैन लगा दिया है, जो 8 अप्रैल से लागू हुआ है. ट्रेडिशनल मेयोनेज में तेल, अंडे की जर्दी और नींबू का रस या सिरका होते हैं, जहां अंडे का प्रोटीन एक इमल्सीफायर के तौर पर काम करता है. हालांकि इसे तैयार करने की शुरुआत यूरोप में हुई थी, लेकिन मेयोनेज अब ग्लोबल लेवल पर फास्ट फूड्स का एक अहम इनग्रेडिएंट बन चुका है. 

   
क्यों हुआ बैन?
तमिलनाडु सरकार ने ने एग मायोनेज को इसलिए बैन किया है क्योंकि इसमें पैथोजेंस होने की काफी ज्यादा आशंका है, जो आमतौर पर कुकिंग प्रॉसेस के दौरान खत्म हो जाती है. सरकार के नोटिफिकेशन में साफ तौर से कच्चे अंडे की मेयोनेज को फूड प्वॉइजनिंग के खतरे के कारण "हाई रिस्क वाला फूड" बताया गया है. भारत की गर्म और ह्यूमिड क्लाइमेंट में ये खरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जो माइक्रोबियल कॉन्टामिनेशन, खास तौर से साल्मोनेला और ई. कोलाई से कॉन्टामिनेशन को बढ़ा सकता है. 

साल्मोनेला और ई. कोलाई के खतरे
साल्मोनेला बैक्टीरिया दुनिया भर में फूड से होने वाली बीमारियों की एक अहम वजह है, जो गर्म और ह्यूमिड कंडीशन में पनपता है और दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन जैसे लक्षण पैदा करता है. ई. कोलाई के कुछ स्ट्रेन भी गंभीर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं. ये रिस्क खास तौर से कम इम्यूनिटी वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक हैं. डॉक्टर्स ने इन खतरों के खिलाफ एक एहतियाती उपाय के तौर पर बैन का स्वागत किया है.

बिजनेस स्ट्रैटेजी करनी होगी चेंज
इस बैन की वजह से तमिलनाडु में फूड बिजनेसेज को एग्लेस या पाश्चराइज्ड एग मायोनेज के ऑप्शंस की तरफ रुख करना होगा. हालांकि भारत में एगलेस मायोनेज ज्यादा पॉपुलर है, लेकिन अंडे वाले वर्जन की भी डिमांड है. तमिल सरकार ने तेलंगाना के मॉडल को फॉलो किया है, जहां पहले ही एग मायोनेज पर बैन लगाया जा चुका है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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