ऑपरेशन सिंदूर में PAK के 5 फाइटर जेट, 1 एयरक्राफ्ट गिराए... एयर चीफ मार्शल ने अब पाकिस्तान को दे दी खुली चेतावनी
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ऑपरेशन सिंदूर में PAK के 5 फाइटर जेट, 1 एयरक्राफ्ट गिराए... एयर चीफ मार्शल ने अब पाकिस्तान को दे दी खुली चेतावनी

ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा खुलासा करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 5 फाइटर जेट और 1 एयरक्राफ्ट मार गिराया था. इसके साथ ही बहावलपुर में जैश मुख्यालय और मुरीदके-लश्कर मुख्यालय नष्ट किया था.

ऑपरेशन सिंदूर में PAK के 5 फाइटर जेट, 1 एयरक्राफ्ट गिराए... एयर चीफ मार्शल ने अब पाकिस्तान को दे दी खुली चेतावनी

Air Force Chief Air Chief Marshal AP Singh: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 5 फाइटर जेट और एयरक्राफ्ट मार गिराया था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बहावलपुर में जैश मुख्यालय और मुरीदके-लश्कर मुख्यालय पर को नष्ट किया था. इसके साथ ही एयर चीफ मार्शल ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है और कहा है कि दुस्साहस किया तो और ज्यादा बड़ा हमला होगा.

जैश मुख्यालय नहीं बचा कोई अवशेष...

ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पाकिस्तान के बहावलपुर में नष्ट किए गए जैश मुख्यालय की तस्वीरें दिखाई. उन्होंने कहा, 'ये हमारे द्वारा (बहावलपुर-जैश मुख्यालय में) किए गए नुकसान की पहले और बाद की तस्वीरें हैं. यहां लगभग कोई अवशेष नहीं बचा है. आस-पास की इमारतें लगभग पूरी तरह सुरक्षित हैं. हमारे पास न केवल सैटेलाइट तस्वीरें थीं, बल्कि स्थानीय मीडिया से भी तस्वीरें थीं, जिनके माध्यम से हम अंदर की तस्वीरें प्राप्त कर सके.'

मुरीदके में लश्कर मुख्यालय किए नष्ट...

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुरीदके में लश्कर मुख्यालय पर हमले के पहले और बाद की तस्वीरें दिखाते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'यह उनके वरिष्ठ नेतृत्व का आवासीय क्षेत्र है. यह उनका कार्यालय भवन था, जहां वे बैठकें करने के लिए इकट्ठा होते थे. हम हथियारों से वीडियो प्राप्त कर सकते थे, क्योंकि स्थान सीमा के भीतर था.'

गेम चेंजर रही एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'हमारी वायु रक्षा प्रणालियों ने शानदार काम किया है. एस-400 प्रणाली, जिसे हमने हाल ही में खरीदा था, एक गेम-चेंजर रही है. उस प्रणाली की रेंज ने वास्तव में उनके विमानों को उनके हथियारों से दूर रखा है, जैसे कि उनके पास जो लंबी दूरी के ग्लाइड बम हैं, वे उनमें से किसी का भी उपयोग नहीं कर पाए हैं, क्योंकि वे प्रणाली को भेद नहीं पाए हैं.'

ऑपरेशन सिंदूर में PAK के 5 फाइटर जेट, 1 एयरक्राफ्ट गिराए...

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के कम से कम 5 लड़ाकू विमानों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. इसके अलावा एक बड़ा विमान लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मारा गया. यह वास्तव में अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला हमला है, जिसके बारे में हम बात कर सकते हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'शाहबाज जैकबाबाद हवाई अड्डा उन प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है जिन पर हमला हुआ था. यहां एक F-16 हैंगर है. हैंगर का आधा हिस्सा नष्ट हो गया है. और मुझे यकीन है कि अंदर कुछ विमान थे, जो क्षतिग्रस्त हो गए. हम मुरीद और चकलाला जैसे कम से कम दो कमांड और कंट्रोल सेंटर स्थापित करने में कामयाब रहे. कम से कम छह रडार, जिनमें से कुछ बड़े और कुछ छोटे हैं... हमें उस AEW&C हैंगर में कम से कम एक AEW&C और कुछ F-16 विमानों के होने के संकेत मिले हैं, जिनका वहां रखरखाव चल रहा था... हमारे पास कम से कम पाँच लड़ाकू विमानों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और एक बड़ा विमान लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मारा गया था यह वास्तव में अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला हमला है जिसके बारे में हम बात कर सकते हैं.'

योजना बनाने और एक्शन लेने की पूरी आजादी थी...

ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'सफलता का एक प्रमुख कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना था. हमें बहुत स्पष्ट निर्देश दिए गए थे. हम पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे. अगर कोई बाधाएं थीं तो वे स्व-निर्मित थीं. हमने तय किया कि कितना आगे बढ़ना है. हमें योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने की पूरी आजादी थी. हमारे हमले सोच-समझकर किए गए थे, क्योंकि हम इसे लेकर परिपक्व होना चाहते थे. तीनों सेनाओं के बीच समन्वय था. सीडीएस के पद ने वास्तव में अंतर पैदा किया. वह हमें एक साथ लाने के लिए मौजूद थे. एनएसए ने भी सभी एजेंसियों को एक साथ लाने में बड़ी भूमिका निभाई.'

पाकिस्तान DGMO ने हमसे संपर्क किया...

उन्होंने आगे कहा, 'यह एक उच्च तकनीक वाला युद्ध था. 80 से 90 घंटों के युद्ध में हम इतना नुकसान पहुंचाने में सक्षम थे कि उन्हें यह स्पष्ट हो गया था कि अगर वे इसे जारी रखते हैं, तो उन्हें इसकी और अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी. इसलिए वे आगे आए और हमारे डीजीएमओ को संदेश भेजा कि वे बात करना चाहते हैं. हमारी ओर से इसे स्वीकार कर लिया गया.'

 

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सुमित राय

राजनीतिक खबरें लिखने और पढ़ने के अलावा समय निकालकर घूमने का शौक है. खाना बनाने और खाने में मजा आता है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से जर्नलिज्‍म की मास्‍टर डिग्र...और पढ़ें

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