Jharkhand Child Kidnapping: झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल में बच्चा चोरी की अफवाहों के कारण भीड़ द्वारा बेगुनाहों की पिटाई की घटनाएं बढ़ गई हैं. पिछले एक महीने में ऐसी कम से कम 12 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 30 से ज्यादा लोग भीड़ की हिंसा का शिकार हुए हैं.
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दुमका: झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल में बच्चा चोरी की अफवाह में बेगुनाहों की पिटाई की घटनाएं आम हो गई हैं. पिछले एक महीने में प्रमंडल के अलग-अलग इलाकों में कम से कम 12 घटनाओं में 30 से ज्यादा लोग बच्चा चोर होने के संदेह में भीड़ के गुस्से का शिकार हुए हैं. पुलिस का कहना है कि राज्य में हाल के दिनों में बच्चा चोरी की कोई घटना नहीं हुई है.
पुलिस की ओर से लोगों से ऐसी किसी भी अफवाह में नहीं आने की अपील की जा रही है. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है. इन घटनाओं के बाद सभी जिलों में माइकिंग के जरिए लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया गया है. दुमका जिले के गोपीकांदर बाजार में शनिवार को भीड़ ने एक महिला और पुरुष को चोर समझकर पकड़ लिया और उनकी पिटाई करने की कोशिश की.
स्थानीय लोगों ने उन दोनों से आधार कार्ड दिखाने को कहा था. नहीं दिखाने पर उनके बच्चा चोर होने का शोर मचा दिया. देखते-देखते बड़ी संख्या में लोग जुट आए और उन्हें घेर लिया. इसी बीच सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें भीड़ के कब्जे से मुक्त कराया. पूछताछ में पता चला कि वे भाई-बहन हैं और बहुरूपिया बनकर मनोरंजन करते हैं. यही उनकी आजीविका है. दोनों पश्चिम बंगाल के चितरंजन के रहने वाले पाए गए.
सत्यापन के बाद पुलिस ने उन्हें वापस भेज दिया. शनिवार को ही दुमका शहर के डोमपाड़ा में भीड़ ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया और बच्चा चोर होने के संदेह में पेड़ में बांधकर उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी. पुलिस ने सूचना पाकर उसे मुक्त कराया. 4 अप्रैल को दुमका सदर प्रखंड के सरूआ गांव में रंजीत कुमार नामक बीटेक के एक छात्र को भी लोगों ने बच्चा चोर के संदेह में पेड़ में बांधकर पीटा. पुलिस ने उसे भी मुक्त कराया. जांच में पता चला कि वह दुमका शहर का रहने वाला है. रंजीत नशा करने की वजह से थोड़ी असामान्य हरकत कर रहा था. इस वजह से उसके बच्चा चोर होने की अफवाह फैला दी गई.
1 अप्रैल को दुमका जिले के गोपीकांदर थाना क्षेत्र के दुबराजपुर में बच्चा चोरी के संदेह में ग्रामीणों ने एक दिव्यांग युवक को पकड़ लिया और उसे तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा. गांव के किसी व्यक्ति ने इसकी सूचना गोपीकांदर थाना को दी तो उसे मुक्त कराया गया. बताया गया कि दिव्यांग युवक दुबराजपुर गांव के समीप जंगल में घूम रहा था. किसी ने अफवाह फैला दी कि वह बच्चा चोर है.
बाद में युवक की पहचान पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड क्षेत्र के लूटीबाड़ी निवासी मनोज हांसदा के रूप में हुई है. वह मूक-बधिर है. पुलिस ने उसके परिजनों को बुलाकर उसे सुरक्षित सुपुर्द किया. मार्च के आखिरी हफ्ते में गोड्डा जिले के देवदांड थाना क्षेत्र के सियरकटिया गांव में किसी काम से जा रहे बिहार के तीन युवकों को बच्चा चोर कहकर बुरी तरह पीट दिया गया था. बड़ी मुश्किल से उनकी जान बचाई गई थी.
गोड्डा के रामगढ़ में 26 मार्च को ग्रामीणों ने चार व्यक्तियों को बच्चा चोर होने के संदेह में पकड़ लिया और बुरी तरह पिटाई कर दी. पुलिस टीम ने उन्हें ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराया. पता चला कि ये लोग गांव-गांव घूमकर जड़ी-बूटी से इलाज करते हैं. सत्यापन के बाद उन्हें पुलिस ने छोड़ दिया. पाकुड़ जिले में भी ऐसी दो-तीन घटनाएं सामने आई हैं. दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा है कि हाल के दिनों में बच्चा चोरी की एक भी घटना सामने नहीं आई है. उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की है.
इनपुट- आईएएनएस
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