Advertisement
trendingPhotos/india/bihar-jharkhand/bihar2875069
photoDetails0hindi

Gandhi Maidan Patna: कई ऐतिहासिक घटनाओं का रहा है गवाह, जानिए मैदान से जुड़े कुछ बड़े सियासी किस्से

Patna Ka Gandhi Maidan: पटना का गांधी मैदान आजादी  के संघर्ष, बड़े राजनीतिक आंदोलनों और सांस्कृतिक आयोजनों का गवाह है. पहले इसे बांकीपुर मैदान कहा जाता था, लेकिन 1948 में महात्मा गांधी के सम्मान में इसका नाम गांधी मैदान रखा गया. यहां बापू, नेताजी, जेपी जैसे नेताओं की ऐतिहासिक रैलियां हुईं और आज भी यह बिहार की राजनीति और संस्कृति का केंद्र है.

बांकीपुर मैदान से गांधी मैदान बनने की असली वजह

1/6
बांकीपुर मैदान से गांधी मैदान बनने की असली वजह

क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले गांधी मैदान का क्या नाम था? अगर नहीं, तो बता दें कि इसे बांकीपुर मैदान या पटना लॉन कहा जाता था. अंग्रेजों के शासनकाल में अंग्रेजों के लिए यह एक मनोरंजन स्थल था, जहां वे अक्सर टहलने आते थे. 15 अगस्त 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के बाद, स्वतंत्रता दिवस की पहली वर्षगांठ से पहले, इसका नाम बदलकर गांधी मैदान कर दिया गया. यह बदलाव उत्तर बिहार के एक शिक्षक के सुझाव पर किया गया था, जिन्होंने इस मैदान का नाम बापू के सम्मान में रखने की मांग की थी.

गांधी मैदान में बापू, नेताजी और जिन्ना तक ने की थी रैलियां

2/6
गांधी मैदान में बापू, नेताजी और जिन्ना तक ने की थी रैलियां

गांधी मैदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह है. जनवरी 1918 में महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के तहत यहां पहली बड़ी जनसभा की थी. 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना ने यहां कांग्रेस के खिलाफ ऐतिहासिक रैली की थी, जबकि 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी पार्टी फॉरवर्ड ब्लॉक की पहली रैली यहीं से शुरू की थी.

गांधी मैदान में गूंजे जेपी के संपूर्ण क्रांति के नारे

3/6
गांधी मैदान में गूंजे जेपी के संपूर्ण क्रांति के नारे

5 जून 1974 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने गांधी मैदान से ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा दिया था. यह रैली इमरजेंसी के खिलाफ देशभर में आंदोलन की शुरुआत बनी. लाखों की भीड़ यहां उमड़ी और 'सिंहासन खाली करो, जनता आती है' जैसे नारे गूंज उठे. इसी आंदोलन से लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और सुशील मोदी जैसे नेता उभरे.

2013 में गांधी मैदान में हुई दर्दनाक घटना

4/6
2013 में गांधी मैदान में हुई दर्दनाक घटना

गांधी मैदान आज भी राजनीतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है. 2013 में नरेंद्र मोदी की एक विशाल जनसभा के दौरान यहां 6 बम धमाके हुए, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा और सुरक्षा इंतजामों को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए.

गांधी मैदान से जुड़ी सबसे बड़ी राजनीतिक घटनाएं

5/6
गांधी मैदान से जुड़ी सबसे बड़ी राजनीतिक घटनाएं

यह मैदान केवल राजनीति का केंद्र नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों का भी अहम स्थल है. यहां हर साल दुर्गा पूजा मेला, पुस्तक मेला, खेल प्रतियोगिताएं और पटना मैराथन जैसे आयोजन होते हैं. इससे गांधी मैदान लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है.

पटना का गांधी मैदान

6/6
पटना का गांधी मैदान

2013 में यहां महात्मा गांधी की 70 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई, जो इस मैदान के ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व को और बढ़ाती है. आज भी यह मैदान बिहार की पहचान और गौरव का प्रतीक बना हुआ है, जहां अतीत की गूंज और वर्तमान की हलचल एक साथ महसूस की जा सकती है. यह मैदान महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मोहम्मद अली जिन्ना, जयप्रकाश नारायण और कई अन्य नेताओं की ऐतिहासिक रैलियों का गवाह रहा है. आज भी यह बिहार की राजनीति और सामाजिक जीवन का केंद्र है, जहां सालभर विभिन्न आयोजनों का सिलसिला चलता रहता है.

;