Bihar Politics: पहलगाम आतंकी वारदात के विरोध में राजद की ओर से कैंडिल मार्च का आयोजन किया था. लखीसराय में मार्च कर रहे नेताओं ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे. बीजेपी और जेडीयू ने इस घटना का कड़ा विरोध किया है.
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Bihar Politics: बिहार के लखीसराय में राजद के कार्यक्रम में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए जाने के मामले में पुलिस ने एक्शन ले लिया है. लखीसराय ने देशविरोधी नारेबाजी करने वाले राजद नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही है कि इस मामले में और कितने लोग संलिप्त हैं. उधर राजद ने भी उक्त नेता कैलाश सिंह पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बता दें कि राजद ने शनिवार (26 अप्रैल) को पहलगाम आतंकी वारदात के विरोध में कैंडिल मार्च का आयोजन किया था. लखीसराय में मार्च के दौरान ही राजद नेताओं की ओर से 'पाकिस्तान जिंदाबाद' नारा लगाया गया था. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. हालांकि, ज़ी न्यूज़ इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए लखीसराय एसपी अजय कुमार ने नगर थाने में राजद नेताओं को बुलाकर पूछताछ की. वीडियो से मिलान के बाद पता चला कि कैलाश सिंह ने ही पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया है. इस मामले में एसपी अजय कुमार ने कहा कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाना गैरकानूनी है. इससे देश के सांप्रदायिक सौहार्द्र का नुकसान हो सकता है. इसे देखते हुए पुलिस ने कठोर कदम उठाया है. वहीं वीडियो वायरल होने पर राजद ने भी कैलाश सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
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आरजेडी के जिलाध्यक्ष कालीचरण दास ने भी देशविरोधी नारेबाजी की बात स्वीकार की. हालांकि, सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह गलती से हुआ है. फिलहाल पुलिस वायरल वीडियो की जांच कर रही है. अगर जांच में यह घटना सही साबित हुई तो फिर दोषी नेताओं पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि देशविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इस अपराध की शिकायत पर पुलिस के पास आरोपी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने का अधिकार होता है और इसमें जमानत भी नहीं दी जाती है. धारा 152 के अंतर्गत दोषी (Guilty) पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता को देखते हुए 7 वर्ष की जेल से लेकर आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा दी जाती है. इसके अलावा जेल की सजा के साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा न्यायालय दोषी व्यक्ति पर कुछ प्रतिबंध लगा सकती है, ताकि वह आगे कोई देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल न हो सके.
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