Harlakhi Vidhan Sabha Seat: क्या हरलाखी में सुधांशु शेखर लगाएंगे हैट्रिक या महागठबंधन में मारेगा बाजी? देखें समीकरण
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Harlakhi Vidhan Sabha Seat: क्या हरलाखी में सुधांशु शेखर लगाएंगे हैट्रिक या महागठबंधन में मारेगा बाजी? देखें समीकरण

Harlakhi Vidhan Sabha Chunav: हरलाखी का राजनीतिक इतिहास जहां जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमता रहा है. यहां की जनता बदलाव में भरोसा करती है, लेकिन 2020 में जेडीयू के सुधांशु शेखर को लगातार दूसरी जीत मिली थी. इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. यहां धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती बड़े पैमाने पर होती है.

हरलाखी विधानसभा सीट
हरलाखी विधानसभा सीट

Harlakhi Assembly Seat Profile: बिहार के मधुबनी जिले की हरलाखी विधानसभा सीट पर इस बार बड़ी टाइट फाइट होने वाली है. पिछली बार यहां जेडीयू के सुधांशु शेखर ने कामयाबी हासिल की थी. उन्होंने सीपीआई के राम नरेश पांडेय को मात दी थी. इससे पहले 2016 का उपचुनाव उन्होंने रालोसपा की टिकट पर लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार भी एनडीए की ओर से उनको ही टिकट मिल सकता है. हालांकि, एनडीए में शामिल उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो की नजर भी इस सीट पर टिकी हुई है. वहीं महागठबंधन में भी इस सीट को लेकर कई दावेदार हैं. सीपीआई इस सीट को छोड़ने के इरादे में नहीं है, जबकि कांग्रेस और राजद दोनों दल इस बार अपना कैंडिडेट उतारने की कोशिश में लगे हैं. हरलाखी से सीतामढ़ी की दूरी लगभग 30 किमी., दरभंगा 65 किमी. और झंझारपुर 40 किमी. की दूरी पर है.

सियासी इतिहास

हरलाखी विधानसभा सीट पर सबसे पहला चुनाव साल 1952 में हुआ था. अब तक हरलाखी से 17 बार विधायक चुने जा चुके हैं. इनमें से कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने 6-6 बार जीत दर्ज की है. जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) ने 2-2 बार, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 1 बार यह सीट जीती है. 2020 में चुनाव प्रचार के दौरान यहां सीएम नीतीश कुमार पर प्याज और पत्थर से हमला किया था. मतदान में यह बात नीतीश कुमार के पक्ष में चली गई थी और जेडीयू प्रत्याशी सुधांशु शेखर को जीत हासिल हुई थी. यह उनकी लगातार दूसरी जीत थी. सुधांशु शेखर को 60 हजार 393 वोट मिले थे. वहीं सीपीआई उम्मीदवार रामनरेश पांडेय 42 हजार 800 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. 

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जातीय समीकरण

इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 14.20 फीसदी है. यादव वोटर्स की संख्या भी अच्छी-खासी है. वहीं अनुसूचित जातियों के मतदाता 12.61 फीसदी है. एनडीए को नीतीश कुमार के लव-कुश वोटबैंक मतलब कोइरी-कुर्मी का वोट मिलने से फायदा मिल जाता है. पासवानों का वोट भी एनडीए के खाते में जाता दिख रहा है. इस बार जन सुराज पार्टी के आने से कोई भी दल अपनी जीत को सुनिश्चित नहीं समझ सकता है.

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इस क्षेत्र के मुख्य मुद्दे

हरलाखी विधानसभा भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित है. विधानसभा क्षेत्र में कल्याणेश्वर महादेव मंदिर, कलना और विशौल के विश्वामित्र आश्रम जैसे प्राचीन और दर्शनीय स्थल के दर्शन के लिए भी हर साल हजारों लोग आते हैं. लेकिन उनके ठहरने के लिए धर्मशाला या टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स नहीं है. युवाओं के लिए रोजगार और किसानों के लिए सिंचाई की समस्या भी यहां के प्रमुख मुद्दों में से एक हैं.

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