Jharkhand Result 2025: 56 वर्षीय गंगा उरांव खूंटी जिले के कलामाटी गांव निवासी ने यह साबित कर दिया कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती.
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खूंटी: कहते हैं पढ़ाई और शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती. केवल इच्छा शक्ति, लगन और मेहनत होनी चाहिए. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है खूंटी जिले के कलामाटी गांव निवासी 56 वर्षीय गंगा उरांव ने. जिन्होंने कई बार मैट्रिक की परीक्षा दी और असफल रहे. लेकिन इस बार 56 वर्ष की आयु में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की परीक्षा में उत्तीर्ण हो गये है. चार बेटियों के पिता और 94 वर्ष की बूढी मां ने गंगा उरांव के मैट्रिक उत्तीर्ण होने पर काफी खुश है. गंगा उरांव डीएसई कार्यालय में चपरासी का काम करता है.
जब वह पढ़ाई करता था तभी 1985 ईस्वी में उसके पिताजी का देहांत हो गया था. गरीबी की मार के कारण मैट्रिक के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए 40/- रुपये नहीं रहने पर पढ़ाई छोड़ दिया था और फिर काम की तलाश में था लेकिन इसी बीच उसकी शादी हो जाती है. आज उनकी चार बेटियां हैं. वर्तमान में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय खूंटी में दैनिक मंडे पर चपरासी के पद पर कार्यरत हैं और उसे 10000 का मानदेय में कटकर 7000 मिलता है. जिससे वह अपने घर परिवार का पालन पोषण करता है.
वहीं इस बार मैट्रिक की परीक्षा लिखा और इस परीक्षा में 47.2 प्रतिशत अंक मिले. जिस घर परिवार और समाज काफी खुश हुआ. की इतनी उम्र में भी उसने मैट्रिक परीक्षा लिखी और सफलता हासिल की है. इस खुशी में घर परिवार ने उन्हें माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया.
वहीं आज जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा गंगा उरांव को सम्मानित किया गया. इस दौरान उन्हें माला पहनाकर उपहार भेंट की और इस खुशी में सभी लोगों ने मुंह मीठा किया. गंगा उरांव के द्वारा 56 वर्ष की आयु में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर उसे शिक्षा का आइकन मानने लगे हैं और पढ़ाई के प्रति जज्बा जगाने के लिए उदाहरण के रूप में प्रेषित करने वाले हैं.
मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर गंगा उरांव काफी खुश है. गंगा उरांव ने बताया कि काफी गरीबी से पढ़ाई लिखाई किया है और जब पढ़ाई कर रहा था उसी समय ही उसके पिताजी का देहांत हो गया था. घर में बूढ़ी मां पत्नी और बेटियां हैं जिसमें से एक बेटी का विवाह कर दिया है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कहे जाने पर कि वह फिर से मैट्रिक परीक्षा लिखें और फिर उसने पढ़ाई किया और अंत में इस बार मैट्रिक परीक्षा पास कर गया है.
जिला शिक्षा अधीक्षक अभय कुमार शील ने गंगा उरांव को बधाई दिया और उन्होंने कहा कि इतनी उम्र के पड़ाव के बाद भी गंगा हर नहीं माना और इस बार मैट्रिक में उत्तीर्ण हुए है. जिसके कारण बच्चों में भी पढ़ाई के प्रति सजगता आएगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी अपरूपा पाल चौधरी ने कहा कि गंगा उरांव मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण किया है. यह काफी खुशी की बात है. इससे जो पढ़ाई करने वाले बच्चे पढ़ाई में ध्यान नहीं देते हैं उसके लिए एक प्रेरणा स्रोत हो गये हैं. गरीबों की मार झेलते हुए घर परिवार का भरण-पोषण करते हुए अपनी पढ़ाई की और मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण किया. गंगा उरांव को विभाग के द्वारा यथा संभव हो मदद किया जाएगा. उसे प्लस टू भी कराना है. ताकि पढ़ाई करने वाले लोगों में पढ़ाई के प्रति इच्छा शक्ति बढ़े.
इनपुट- ब्रजेश कुमार
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